भारतीय कोच ने कहा, ‘उन्होंने (गांगुली) क्रिकेटर के तौर पर जो कुछ किया है मैं उसका काफी सम्मान करता हूं। उन्होंने सट्टेबाजी प्रकरण के बाद भारतीय क्रिकेट की कमान सबसे मुश्किल समय में संभाली। आपको वापसी के लिए लोगों का भारोसा चाहिए होता है और मैं उसका सम्मान करता हूं। और अगर कोई इसका सम्मान नहीं करता है तो मुझे उसकी कोई परवाह नहीं।’
शास्त्री ने बिना किसी लोकतांत्रिक तरीके से 3 साल तक बोर्ड के संचालन के बाद गांगुली के अध्यक्ष बनने को ‘शानदार’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘शानदार (गांगुली का अध्यक्ष बनना)। सबसे पहले मैं इस बात को लेकर रोमांचित हूं कि बीसीसीआई फिर से अस्तित्व में है। हम 3 साल तक बीसीसीआई के बिना खेले।’