ब्रैथवेट ने कहा कि मुझे लगता है कि टीम का नेतृत्व करना आसान होगा। सभी खिलाड़ियों का आपसी व्यवहार काफी अच्छा है और ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ी के बीच काफी मैत्रीपूर्ण संबंध है। मैं अपनी कप्तानी को ज्यादा महत्व नहीं देता, क्योंकि मेरा मानना है कि मैं खिलाड़ी पहले और कप्तान बाद में हूं। डैरेन ने जहां पर टीम को छोड़ा था, मैं वहीं से टीम को आगे बढ़ाना चाहता हूं।
ब्रैथवेट उस समय सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने भारत की मेजबानी में इस वर्ष हुए ट्वंटी-20 विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी के 4 गेंदों पर 4 छक्के लगाकर अपनी टीम को दूसरी बार ट्वंटी-20 चैंपियन बनाया था। उसी समय उन्होंने यह साबित कर दिया था कि वे टीम का नेतृत्व कर सकते हैं।
28 वर्षीय ब्रैथेवट ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कप्तान के बदले जाने से आपके प्रदर्शन में कुछ फर्क आता है। टीम के सभी खिलाड़ी परिपक्व हैं। हम सभी पेशेवर हैं और हमें पता है कि टीम में आपको ऑलराउंडर प्रदर्शन करना होता है। मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि मैं अपनी कप्तानी में टीम को जीत दिलाऊं और भारत के खिलाफ हमें एक अलग रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा।