पिछले वर्ष भारत ने घुमावदार पिचों पर स्पिन के दम पर दक्षिण अफ्रीका को चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से पराजित किया था। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन और अन्य खिलाड़ियों ने कानपुर में 22 सितम्बर से खेले जाने वाले पहले टेस्ट में कुछ इसी तरह की रणनीति अपनाएंगे जिसे लेकर कोच हैसन काफी प्रसन्न हैं।
भारत पहुंचने के बाद हैसन ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, विदेशों में क्रिकेट खेलने के लिए एक रणनीति के साथ उतरने की जरूरत होती है। ऐसी पिचें जहां पर सीम मूवमेंट कम होता है और गेंद अपनी चमक जल्दी खोती है तो वहां आपको दूसरा तरीका ढूंढने की जरूरत होती है। मुझे लगता है कि इन हालात में रिवर्स स्विंग कारगर साबित होगी।
उन्होंने कहा, हमारे लिए पहली चुनौती अलग तरह की गेंद से सामंजस्य बैठाने की होगी। इस सीरीज में एसजी गेंदों का उपयोग होगा जबकि हम कूकाबूरा गेंदों से खेलते रहे हैं। विदेशी टीमें भारतीय पिचों पर आकर जल्द गेंद को रिवर्स स्विंग कराने के तरीके तलाशती हैं। हालांकि यह सबकुछ वैध तरीके से होना चाहिए।
न्यूजीलैंड की टीम में भी तीन स्पिनर मार्क क्रेग, मिशेल सेंटनर और भारतीय मूल के ईश सोढी हैं। हैसन ने कहा कि ये सभी घुमावदार पिचों पर खुद को साबित करेंगे। उन्होंने कहा, तीनों स्पिनर इन पिचों पर खेल को सीखेंगे और आगामी हफ्तों में उन पर हम काफी भरोसा कर सकते हैं।
गुलाबी गेंद के मुद्दे पर कीवी कोच ने कहा, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए की कि टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद से खेले जाने पर बात हो। न्यूजीलैंड पहली ऐसी टीम है जिसने नवम्बर 2015 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में पहला दिन-रात्रि का टेस्ट मैच खेला था। (वार्ता)