बांगड़ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, उमेश को पुरानी गेंद से अच्छा प्रदर्शन करने के लिये जाना जाता है। यहां तक कि इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में भी आपने देखा होगा कि उसे काफी रिवर्स स्विंग मिली। हमने उसे इसलिए पहले गेंद नहीं सौंपी क्योंकि हमें उम्मीद थी कि गेंद पारी में जल्द ही रिवर्स स्विंग लेनी शुरू कर देगी। उन्हें शुरू में गेंद नहीं सौंपने की सटीक रणनीति थी क्योंकि शीर्ष क्रम में बाएं हाथ के दो बल्लेबाज थे।
उन्होंने कहा, यह रणनीति का हिस्सा था जहां आपको प्रत्येक खिलाड़ी की खास क्षमताओं का पता होता है। हम जानते हैं कि ईशांत शर्मा ने अपनी तेजी और उछाल से पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान किया है। हम इसका फायदा उठाना चाहते थे और इसलिए बायें हाथ के बल्लेबाजों के सामने उसे गेंद सौंपी गयी।
बांगड़ ने कहा, हम उमेश की क्षमताओं से वाकिफ है जो गेंद को थोड़ा फुल लेंग्थ करते हैं। गेंद जल्दी रिवर्स स्विंग होने लगी जैसी कि हमें उम्मीद थी। इसलिए उन्हें बाद में गेंद सौंपी गयी। यह विराट कोहली की शानदार रणनीति थी। इससे उमेश दिन भर तरोताजा बना रहा और इसका उसे तीसरे और चौथे स्पैल में फायदा मिला। (भाषा)