ये सात क्रिकेट रिकॉर्ड इनको तोड़ना बहुत मुश्किल

सोमवार, 20 अप्रैल 2015 (10:18 IST)
पहला क्रिकेट टेस्ट मैच 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया। 1970 का साल दक्षिण अफ्रीका का क्रिकेट से प्रतिबंध के लिए जाना जाता है। 1971 पहला साल था जब पहला वनडे मैच खेला गया, पहला वनडे मैच भी इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया।     
ब्रेडमैन से लेकर हरभजन तक और हॉब्स से लेकर जॉनसन तक हमने कई रिकॉर्ड वनडे और टेस्ट मैचों में बनते व टूटते देखें हैं। लेकिन कुछ रिकॉर्ड ऐसे भी बने हैं जिनका टूटना बहुत मुश्किल दिखाई देता है। हम ऐसे ही सात रिकॉर्ड्स पर नजर डालते हैं।     
 
1.सर डॉन ब्रेडमैन का 99.94 का औसतः क्रिकेट की किवदंतियों में शुमार सर डॉन ब्रेडमैन को भला कौन नहीं जानता। वे अपने 52 टेस्ट मैचों में 99.94 के औसत के लिए हमेशा जाने जाते हैं व जाने जाएंगे।

यह एक ऐसी चौंका देने वाली संख्या है जिसके आस-पास आज तक कोई नहीं आ नहीं पाया। डॉन ब्रेडमैन एक चौका अगर लगा देते तो उनका एवरेज 100 होता, लेकिन डॉन ब्रैडमेन मात्र चार रन पहले आउट हो गए और उस जादुई आंकड़े को छूने से रह गए।

2.जिम लेकर के एक मैच में 19 विकेट : साल 1956 की बात है। इंग्लैंड को अपने चिर-प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिम लेकर के रूप में एक ऐसा विध्वंसक गेंदबाज मिला जिसने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को पूरी तरह से नेस्तनाबूत कर दिया। टेस्ट मैच में पहले दिन जिम लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के सभी बल्लेबाजों को अकेले आउट कर दिया।
 
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज जिम लेकर की ऑफ स्पिन के सामने पूरी तरह से असहाय नजर आए। मैच की पहली पारी में जिम लेकर ने दस विकेट लिए। जिम लेकर यहीं नहीं रुके और उन्होंने मैच की दूसरी पारी में नौ बल्लेबाजों को आउट किया।
 
मैच में सिर्फ एक विकेट दूसरे गेंदबाज टोनी लॉक ने लिया। आज तक इस रिकॉर्ड की बराबरी तो क्या कोई आस-पास भी नहीं फटक पाया है। हालांकि टेस्ट मैच की एक पारी में भारत के अनिल कुंबले 10 विकेट ले चुके हैं।

3. रिकी पोंटिंग का एक खिलाड़ी के रूप में 108 टेस्ट में जीतः रिकी पोंटिंग का एक खिलाड़ी के रूप में 108 टेस्ट मैचों में जीत देखना एक बहुत बड़ी बात है। वह इस दौरान ऐसी ऑस्ट्रेलियन टीम का हिस्सा रहे जिसमें गजब के गेंदबाज थे। ऐसे गेंदबाज जो किसी भी पिच पर कहर ढाने के लिए जाने जाते हैं।
 
ग्लेन मैक्ग्रेथ, माइकल कॉस्प्रोविच, जैसन गिलेस्पी की तिकड़ी ने पोंटिंग की कप्तानी में कई बड़ी टीमों को मात दी। करिशमाई स्पिनर शेन वॉर्न और अपनी तेजी के लिए मशहूर ब्रेट ली भी पोंटिंग की टीम का हिस्सा रहे।
 
पोंटिंग का हुक शॉट अच्छे-अच्छे गेंदबाजों को सोचने पर मजबूर कर देता था। इसके अलावा बल्लेबाजी विभाग में मैथ्यू हेडेन, गिली, स्टीव वॉ, डेमियन मार्टिन, माइकल क्लार्क, जस्टिन लैंगर ऐसे नाम हैं जो अपने आपमें विश्व के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक रहे और इन्हीं की बदौलत रिकी पोंटिग ने 108 टेस्ट मैचों में जीत का गौरव हासिल किया। यह रिकॉर्ड टूटना बहुत मुश्किल दिखाई देता है।

4. सर जैक हॉब्स के 199 शतकः क्रिकेट में हर दिन शतक नहीं बनते। आज भी अगर कोई 30 रन बना लेता हैं तो उसे खराब स्कोर नहीं कहा जा सकता। तो सोचिए अगर कोई बल्लेबाज अपने करियर में 199 शतक बनाए तो कितना मुश्किल रहा होगा।
 
विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज के रूप में हम सचिन तेंदुलकर को जानते हैं। लेकिन, असल में क्रिकेट के अगर सब फॉर्मेटों को देखा जाए तो यह रिकॉर्ड सर जैक हॉब्स के नाम पर है। 
 
हॉब्स ने इंग्लैंड के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए 199 शतक लगाए। इसके अलावा हॉब्स ने इंग्लैंड की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए 15 शतक लगाए। इस दौरान उनकी सबसे यादगार पारी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 211 रन रही उन्होंने 1924 में यह पारी खेली थी।         
 
इसके अलावा एक और बात जो उनके बारे में याद की जाती है वह है उनकी ओपनिंग साझेदारी उनके जोड़ीदार रहे हर्बर्ट सटक्लिफ के साथ, दोनों एक बेहतरीन ओपनिंग जोड़ीदार रहे। हॉब्स और सटक्लिफ ने टेस्ट मैचों में 38 बार ओपनिंग बल्लेबाजी की जिसमें दोनों ने 15 बार शतकीय साझेदारी निभाई। दोनों ने मिलकर 3249 रन जोड़े। इस दौरान एवरेज 87.81 रहा।

5. विल्फर्ड रोड्स ने 52 साल में लिया संन्यास : खिलाड़ी ज्यादातर 40 साल तक आते-आते क्रिकेट से संन्यास ले लेते हैं। वहीं 52 साल तक की उम्र तक खेलना तो लगभग असंभव सा दिखाई देता है। विल्फर्ड रोड्स ने 52 साल की उम्र में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला। अगर आप सबसे लंबे करियर के बारे में सचिन तेंदुलकर का नाम जानते हों तो जानकारी बढ़ा लीजिए क्योंकि सबसे लंबे करियर का रिकॉर्ड विल्फर्ड रोड्स के नाम है उन्होंने 30 सालों तक क्रिकेट खेला।
 
आजकल यह रिकॉर्ड टूटना बहुत मुश्किल दिखाई देता है क्योंकि अब क्रिकेट में फिटनेस को बरकारर रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में खिलाड़ियों का करियर ज्यादा लंबे समय तक नहीं खिंच पाता।

6. ग्राहम गूच के एक टेस्ट में 456 रन : साल 1990 की बात है। लगभग चार साल के बाद इंग्लैंड अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट मैच खेल रहा था। उस दिन बढ़िया धूप खिली थी और मैच में इंडिया ने टॉस जीता। मैदान बल्लेबाजी के लिए बेहतर था जिससे की भारतीय बल्लेबाज बड़े खुश थे।
 
लेकिन, भारतीय कप्तान के दिमाग में शायद कुछ और ही चल रहा था और उन्होंने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। इंग्लैंड के बल्लेबाज ग्राहम गूच मैच में लगातार दो दिन खेलते रहे और शानदार 333 रन बनाए। इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने 123 बनाए। इस तरह उन्होंने पूरे मैच में 456 रन बनाए।
 
यह टोटल अभी तक नहीं तोड़ा जा सका है। क्रिकेट इतिहास में सिर्फ कुमार संगाकार ही ऐसे बल्लेबाज हैं जो इस स्कोर के बहुत करीब पहुंच चुके हैं। संगकारा ने पहली पारी में 319 रन बनाते हुए, दूसरी पारी में 105 रन बनाए थे। जिससे उनका टोटल स्कोर 424 रन हुआ था।

7. सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय शतक : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक लगाना एक बड़ी बात होती है। अगर आप 100 शतक लगा दें तो समझो आप उस खेल के रियल मास्टर हो। भारत के सचिन तेंदुलकर जब तक भारत के लिए क्रिकेट खेले एक स्टार के रूप मे खेले। सचिन की मैदान पर मौजूदगी ही विपक्षी टीम के गेंदबाजों का सिरदर्द हुआ करती थी।
 
कई लोग शायद यह भी सोच रहे होंगे कि सचिन के रिकॉर्ड को सबसे ऊपर क्यों नहीं रखा तो उसके पीछे वजह यह है कि क्रिकेट में लगातार बल्लेबाजों का प्रभुत्व बढ़ रहा है। इसीलिए यह मुमकिन है कि निकट भविष्य में कोई बल्लेबाज सचिन का रिकॉर्ड तोड़ दे। वैसे सचिन के इस रिकॉर्ड को तोड़ना इतना आसान भी नहीं होगा।

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