नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की भ्रष्टाचाररोधी इकाई (ACU) के एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करना उस देश में ‘सबसे प्रभावी कदम’ होगा जहां कड़ा कानून नहीं होने से ‘पुलिस के हाथ भी बंधे हुए’ हैं। कानूनी विशेषज्ञ भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने के लिए वर्षों से वकालत कर रहे हैं क्योंकि क्रिकेट में भ्रष्ट गतिविधियों की जांच करते समय संबंधित अधिकारियों के हाथ कानून से बंधे होते हैं।
आईसीसी एसीयू के जांच समन्वयक स्टीव रिचर्डसन ने ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ से कहा, ‘अभी कोई कानून नहीं है। हमारे भारतीय पुलिस के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन उनके भी हाथ बंधे हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम भ्रष्टाचारियों के प्रयासों को नाकाम करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और हम उन्हें स्वतंत्र रूप से संचालन नहीं करने देते हैं और जितना संभव हो सकता है उनका जीना मुहाल करके रखते हैं।’
रिचर्डसन ने कहा, ‘लेकिन भारत में कानून बनने से पूरी परिस्थितियां बदल जाएंगी। अभी हम लगभग 50 मामलों की जांच कर रहे हैं और इनमें से अधिकतर भारत से जुड़े हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर भारत मैच फिक्सिंग को लेकर कानून बनाता है तो खेल को सुरक्षित करने की दृष्टि से यह सबसे प्रभावी कदम होगा।’
भारत को अगले तीन वर्षों में आईसीसी की दो प्रतियोगिताओं की मेजबानी करनी है और ऐसे में रिचर्डसन ने भारत सरकार से मैच फिक्सिंग पर कानून बनाने का आग्रह किया जैसा कि उसके पड़ोसी श्रीलंका ने किया है जो 2019 में भ्रष्ट गतिविधियों को अपराध घोषित करने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया है। उन्होंने कहा, ‘भारत में आईसीसी दो प्रतियोगिताओं टी20 विश्व कप (2021) और वनडे विश्व कप (2023) का आयोजन होगा।’ (भाषा)