क्या 2020 की एडीलेड की हार का Pink Ball Test पर असर होगा? रवि शास्त्री ने दिया जवाब

WD Sports Desk

गुरुवार, 5 दिसंबर 2024 (17:23 IST)
India vs Australia Pink Ball Test Adelaide : भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि 2020 में एडीलेड में भारत का अपने न्यूनतम स्कोर पर सिमटना अब इतिहास की बात है लेकिन टीम इंडिया शुक्रवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब दिन-रात्रि के टेस्ट (Day-Night Test) में उतरेगी तो यह बात खिलाड़ियों के दिगाम में रहनी चाहिए। शास्त्री उस श्रृंखला में भारत के कोच थे।
 
विराट कोहली (Virat Kohli) की अगुआई में भारतीय टीम एडीलेड टेस्ट की दूसरी पारी में अपने सबसे कम 36 रन के स्कोर पर सिमट गई थी जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीता।


 
भारत की इस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया को श्रृंखला जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन मेहमान टीम ने शानदार वापसी करते हुए चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy ) पर फिर कब्जा जमाया।

ALSO READ: IND vs AUS : केेएल राहुल ने बताया पिंक बॉल से खेलने का अच्छा तरीका
शास्त्री ने ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) रिव्यू से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह (एडीलेड में हार) कोई भूमिका निभाएगा लेकिन यह उनके दिमाग में होना चाहिए क्योंकि आप जानते हैं कि गुलाबी गेंद से चीजें बहुत तेजी से होती हैं।’’
 
पांच मैच की श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रहा भारत भारत शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में मेजबान टीम से भिड़ेगा।

ALSO READ: Pink Ball Test : रोहित शर्मा आएंगे मध्यक्रम में नजर, के एल राहुल करेंगे आगाज, ऐसी हो सकती है Playing 11
शास्त्री ने कहा, ‘‘आपने महसूस किया होगा कि खेल के एक सत्र में अगर चीजें आपके अनुकूल नहीं होती और गेंदबाजी अच्छी होती है तो चीजें तेजी से हो सकती हैं।’’
 
शास्त्री ने कहा कि मैच में भारत की हार एक अजीब बात थी और उन्होंने अपने चार दशक के क्रिकेट में कभी गेंद को बल्ले का किनारा लेकर इतनी बार क्षेत्ररक्षकों के पास जाते नहीं देखा।
 
उन्होंने कहा, ‘‘उन 36 रन के बाद हमने जो किया - जैसा कि मैंने उस समय कहा था - मैंने पहले कभी नहीं देखा था और मैंने ड्रेसिंग रूम में भी यही कहा था। मैंने खेलने के प्रयास में चूकने की जगह इतनी अधिक बार खेलने का प्रयास करते हुए बल्ले का किनारा लेते हुए नहीं देखा था।’’
 
शास्त्री ने कहा, ‘‘और मैंने लगभग 40 वर्षों तक क्रिकेट देखा है। और ईमानदारी से कहूं तो वह एक ऐसा सत्र था जिसमें शायद ही कोई खिलाड़ी खेला और गेंद को खेलने से चूका। अगर उसने कुछ भी किया तो गेंद बल्ले के किनारे पर जा लगी। गेंद बल्ले पर लगने से चूक नहीं रही थी। आप जानते हैं, गेंदबाज (दुर्भाग्यशाली) होते है... उस दिन यह सिर्फ बल्लेबाजों का दुर्भाग्य था।’’
 
भारत ने मेलबर्न में श्रृंखला बराबर की और सिडनी में संघर्षपूर्ण ड्रॉ खेला। चोटों से परेशान मेहमान टीम ने अजिंक्य रहाणे की अगुआई में ब्रिसबेन में सनसनीखेज जीत हासिल कर श्रृंखला में ऐतिहासिक जीत हासिल की।  (भाषा) 

ALSO READ: धोनी की कमी को पूरा किया ऋषभ पंत ने, टेस्ट को ऐसे अपनाया जैसे बत्तख पानी को अपनाती है

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी