बांग्लादेश में नई चयन प्रक्रिया के तहत, फारुक़ की अध्यक्षता वाला एक तीन सदस्यीय पैनल टीम का चयन करेगा जिसके बाद उसे छह सदस्यीय समिति को भेजा जाएगा। इस छह सदस्यीय समिति में बीसीबी क्रिकेट ऑपरेशंस प्रमुख अकरम खान और बीसीबी निदेशक खालिद महमूद भी शामिल हैं जो अंतिम सूची बीसीबी अध्यक्ष को सौंपेगे।
क्रिकइंफो ने फारुक़ के हवाले से कहा कि चयन प्रक्रिया में बोर्ड सदस्यों के शामिल होने से इस प्रक्रिया में काफी हस्तक्षेप होगा। फारुक़ ने कहा, 'इस नई प्रक्रिया में काम करना बेहद मुश्किल होगा। हमें बिना हस्तक्षेप के काम करने दिया जाना चाहिए। चयनकर्ताओं की स्वतंत्रता से काफी हद तक समझौता होगा और इस नई प्रक्रिया से बांग्लादेश क्रिकेट को कोई लाभ नहीं होने वाला है।'
फारुक़ फिलहाल अमेरिका में हैं और बांग्लादेश लौटने के बाद वह सभी कार्रवाई पूरी करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने इस तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और जब बीसीबी ने रविवार को इस प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया तो मैंने भी इस प्रक्रिया के तहत काम नहीं कर पाने का निर्णय लिया। मैं बांग्लादेश लौटने पर सभी कार्रवाई पूरी करूंगा।'
इससे पहले बांग्लादेश में चयनकर्ता टीम के कप्तान और कोचों से चर्चा करते थे। इसके बावजूद उनके पास बेहतर खिलाड़ी के चयन की स्वतंत्रता रहती थी। अब नई प्रक्रिया में बीसीबी क्रिकेट ऑपरेशंस, बीसीबी निदेशक और बीसीबी अध्यक्ष की भी भागीदारी रहेगी।
फारुक़ को दिसंबर 2013 में दूसरी बार बांग्लादेश क्रिकेट का मुख्य चयनकर्ता चुना गया था। इससे पहले वह वर्ष 2003 से 2007 तक मुख्य चयनकर्ता रहे थे। वह अपनी निर्णय लेने की क्षमता के लिए विख्यात हैं और यह उनका ही फैसला था कि 2007 विश्वकप में खालिद मसूद की जगह 20 वर्षीय मुशफिकुर रहीम को टीम में शामिल किया जाए। (वार्ता)