कानितकर ने अपने करियर का आगाज 1963 में किया था लेकिन अन्य विकेटकीपर बल्लेबाजों फारुक इंजीनियर बुधी कुंदरन और इंदरजीत सिंह के चलते उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिल सकी। उन्होंने क्लाइव लॉयड की अगुवाई वाली वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करके 65 रन बनाए।