दोनों खिलाड़ियों पर ये आरोप पिछले वर्ष दिसंबर में सयुंक्त अरब अमीरात में हुई टी-10 लीग के सबंध में लगाए गए हैं, जहां इन्हें एमिरात क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के भ्रष्टाचार रोधी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। आईसीसी के अनुसार जोया को 4 मामलों में जबकि गुनावर्दने को 2 मामलों में दोषी पाया गया है।
ईसीबी ने आईसीसी को इस टी-10 लीग में भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी नियुक्त किया था जिसने बोर्ड की तरफ से इन खिलाड़ियों को दोषी ठहराया है। जोया पर परिणामों को गलत तरह से प्रभावित करने, आचार संहिता संबंधित अन्य मामलों में दोषी पाया गया है।
इसके अलावा उन पर लीग में हिस्सा ले रहे अन्य खिलाड़ियों से आपसी सहमति से मामले को निपटाने, इसमें बदलाव करने, लालच देने, निर्देश देने जैसे मामलों के तहत नियम 2.1 का दोषी पाया गया है।
आईसीसी ने जारी बयान में कहा, एसीयू को भ्रष्टाचार के लिए संपर्क करने की जानकारी नहीं देने, जांच एजेंसियों के साथ गैर मददगार रवैया अपनाने के मामले में भी जोया को दोषी ठहराया गया है। अन्य श्रीलंकाई क्रिकेटर गुनावर्दने पर भी नियम 2.1 के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया है। उन्हें किसी मामले की पूरी जानकारी एसीयू को नहीं देने, जानकर इसमें देर करने जैसे नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।
जोया नवंबर 2018 में भी आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के 3 नियमों का उल्लंघन करने के आरोपी पाए गए थे। इन मामलों में उन पर सुनवाई निलंबित है। वहीं गुनावर्दने भी ईसीबी के नियम उल्लंघन के तहत निलंबित कर दिए गए हैं और सुनवाई के बाद कोई फैसला होगा। दोनों श्रीलंकाई खिलाड़ियों को 9 मई से 14 दिनों के भीतर अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना होगा।