दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी कर्स्टन ने कोच की भूमिका पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं अपनी अकादमी से ही खुश हूं और पूर्णकालिक प्रशिक्षक बनने की नहीं सोच रहा हूं। हर एक टीम उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरती है और टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। टेस्ट में 50 मैचों का अनुभव होने के बाद वे ज्यादा परिपक्व हो जाएंगे।