गिलेस्पी ने ‘काउ कार्नर क्रानिकल्स’ चैट शो में कहा, ‘आपको पता है कि ईशांत की किस चीज ने सचमुच मुझे प्रभावित किया, वह थी उनकी नई जानकारी हासिल करने की ललक, दूसरों को सुनने की इच्छा, सवाल पूछना, नई चीजों को आजमाना। क्योंकि कभी कभार जब आप सीनियर और अनुभवी खिलाड़ी बन जाते हो तो आप अपनी ही तरह की चीजें करते हो।’
पिछले प्रथम श्रेणी सत्र के दौरान ईशांत ने भी स्वीकार किया था कि हर कोई उनकी समस्या के बारे में बात कर रहा था लेकिन वो गिलेस्पी ही थे, जिन्होंने उन्हें हल प्रदान किया था। गिलेस्पी ने कहा, ‘खिलाड़ी जानते हैं कि उन्हें क्या करना है और यह ठीक है। लेकिन ईशांत जानते थे कि उन्हें अच्छी गेंदबाजी करनी है। वह यह भी जानते थे कि वह बेहतर गेंदबाज बनना चाहता था। ’’
उन्होंने कहा, ‘यॉर्कशायर में पुजारा हमारी टीम में थे और मैं तब वहां मुख्य कोच था। हमें शीर्ष तीन में एक बल्लेबाज की जरूरत थी जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारे लिए अच्छा खेले और अच्छी गेंदबाजी के खिलाफ डटा रहे।’
पुजारा के 2015 में यॉर्कशायर की ओर से खेलने के बारे में बात करते हुए गिलेस्पी ने कहा, ‘पुजारा उस स्थान के लिए बिलकुल फिट रहे। उसने इसे चुनौती के तौर पर लिया और इंग्लिश हालात में ड्यूक गेंद के खिलाफ चुनौती बतौर खिलाड़ी उसके लिए अच्छी परीक्षा रही। यह उसके लिए अच्छा अनुभव रहा।’ गिलेस्पी को लगता है कि काउंटी क्रिकेट में खेलने से पुजारा को काफी मदद मिली।