ट्रेन के आगे खड़े होकर इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प ने की खुदकुशी

WD Sports Desk

बुधवार, 14 अगस्त 2024 (19:08 IST)
इंग्लैंड के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेल चुके ग्राहम थोर्प से जुड़ी एक सनसनीखेज खबर सामने आई है।  बाएं हाथ के बल्लेबाज ग्राहम थोर्प ने चलतीट्रैन के सामने आकर खुदकुशी की थी।यह खुलासा उनकी बड़ी बेटी किटी ने किया।

उन्होंने कहा कि इसको कबूलने में कोई भी शर्मिंदगी नहीं है। वह एक योद्धा की तरह अपनी बीमारी से लड़ रहे थे लेकिन परिवार और बच्चों को लेकर परेशान थे और इस ही के चलते उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया।

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प पिछले दो वर्षों में अपने खराब स्वास्थ्य के कारण अवसाद और चिंता से जूझ रहे थे जिसके कारण आखिर में उनकी जान चली गई। थोर्प की पत्नी अमांडा ने पिछले दिनों यह खुलासा किया था।
थोर्प का पांच अगस्त को 55 साल की उम्र में निधन हो गया था। उनके निधन की घोषणा इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने की थी लेकिन इसका कारण नहीं बताया था। अब उनकी पत्नी ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन को दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया है कि उन्होंने निधन से पहले खुद के साथ एक लंबी मानसिक और शारीरिक लड़ाई लड़ी थी।

It is with great sadness that we share the news that Graham Thorpe, MBE, has passed away.

There seem to be no appropriate words to describe the deep shock we feel at Graham's death. pic.twitter.com/VMXqxVJJCh

— England and Wales Cricket Board (@ECB_cricket) August 5, 2024
‘द टाइम्स’ ने थोर्प की पत्नी के हवाले से कहा था, ‘‘पत्नी और दो बेटियां होने के बावजूद, जिनसे वह बहुत प्यार करते थे और जो उन्हें दिलो जान से चाहते थे, वह स्वस्थ नहीं हो पाए।’’उन्होंने कहा,‘‘वह हाल के दिनों में काफी अस्वस्थ थे और वास्तव में उन्हें लगता था कि उनके बिना हम बेहतर जिंदगी व्यतीत करेंगे लेकिन उन्होंने अपनी जान गंवा दी और हम बर्बाद हो गए।’’

थोर्प की याद में पिछले शनिवार को फ़र्नहैम क्रिकेट क्लब और चिपस्टेड क्रिकेट क्लब के बीच मैच शुरू होने से पहले एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें उनकी पत्नी और बेटियों किटी (22) और एम्मा (19) ने भाग लिया था।

अमांडा ने कहा था,‘‘ग्राहम पिछले कुछ वर्षों से अवसाद और चिंता से पीड़ित थे। इस कारण उन्होंने मई 2022 में अपनी जान लेने की कोशिश की जिस वजह से उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में कई दिन बिताने पड़े। वह अवसाद और चिंता से ग्रस्त थे जो कभी-कभी बेहद गंभीर हो जाते थे।’’

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