ग्रीनपार्क में अव्यवस्था, टिकटधारकों को मिलीं लाठियां

रविवार, 25 सितम्बर 2016 (18:30 IST)
कानपुर। बदइंतजामी के लिए कुख्यात उत्तरप्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के अधीन कानपुर के  ग्रीनपार्क स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में अव्यवस्था  का आलम रहा और टिकटधारकों को लाठियां झेलनी पड़ीं। 
टेस्ट मैच के पहले 3 दिन दर्शकों की बाट जोह रहा ग्रीनपार्क स्टेडियम रविवार को दर्शकों से  गुलजार रहा। साप्ताहिक अवकाश होने के कारण तड़के से दर्शकों की भीड़ स्टेडियम के बाहर जुटनी शुरू हो गई थी। मैच के रोमांचक दौर में पहुंचने के कारण यूपीसीए प्रशासन को दर्शकों  की भीड़ का पूरा अंदेशा था, इसके बावजूद उसने व्यवस्था को संभालने के कोई खास इंतजाम नहीं किए।
 
इसका नतीजा रहा कि सुबह 8 बजे से स्टेडियम में प्रवेश के लिए धक्का-मुक्की कर रहे दर्शकों  को संभालने में पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान कई बार पुलिस ने लाठी पटककर हुड़दंग मचा रहे दर्शकों को तितर-बितर किया। इस दौरान यूपीसीए अधिकारी और पुलिस अफसर अपने-अपने रिश्तेदारों और मित्रों को प्रवेश दिलाने में मशगूल दिखाई पड़े।
 
उधर चौथे दिन का खेल शुरू होने से पहले सभी दीर्घाएं दर्शकों से खचाखच भर गईं। हाथ में  टिकट थामे दर्शकों को दरकिनार कर पुलिस ने लाठी पटककर वापस जाने का इशारा किया।  मायूस दर्शक पंसदीदा खिलाड़ियों की एक झलक पाने की आस में 11 बजे तक स्टेडियम के इर्दगिर्द मंडराते रहे।
 
इस दौरान टिकटों की कालाबाजारी भी जमकर हुई। बड़ा चौराहा, परेड और सिविल लाइंस क्षेत्र में  250 रुपए वाले स्टैंड का टिकट 1000 रुपए तक में खुलेआम बिका जबकि अन्य दीर्घाओं के  लिए टिकट की कालाबाजारी जोरशोर से हुई।
 
टिकट की कालाबाजारी और बिना टिकट दर्शकों के प्रवेश को लेकर पूछने पर यूपीसीए के  मीडिया मैनेजर तालिब खान ने फोन काट दिया। गौरतलब है कि पिछले साल 11 अक्टूबर को  भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच यहां खेले गए एकदिवसीय मैच में भी यूपीसीए को  बदइंतजामी और टिकटों की कालाबाजारी के कारण आलोचना झेलनी पड़ी थी। 
 
गोविन्द नगर से आए राहुल ने बताया कि यहां पर हर बार दर्शकों को उपेक्षा का शिकार होना  पड़ता है। हम लोग मैच देखने के लिए टिकट भी लेते हैं, लेकिन मैदान में लगी सिक्यूरिटी  एजेंसियों व पुलिस अधिकारियों के कारण मैच देखने से वंचित रह जाते हैं।
 
कानपुर देहात से आए वीरेन्द्र का कहना है कि यहां पर तो हम लोग यह देख रहे हैं कि जिला  व पुलिस प्रशासन के अधिकारी सरकारी गाड़ियों में अपने परिवार को बैठाकर स्टेडियम के भीतर  ले जा रहे हैं। ऐसे तो यहां के अधिकारी और यूपीसीए दर्शकों के साथ गलत व्यवहार कर रहा है। (वार्ता) 

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