कानपुर वनडे : ग्रीनपार्क पर बदइंतजामी का दबदबा

मंगलवार, 6 अक्टूबर 2015 (16:13 IST)
कानपुर। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक दिवसीय मैच की मेजबानी के जरिए इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन की हसरत पाले उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के मंसूबों पर बदइंतजामी, टिकटों की कालाबाजारी के बदनुमा दाग और पदाधिकारियों के नकचढ़े रवैए से पानी फिर सकता है।
 
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की एक दिवसीय श्रखंला के पहले मैच में 11 अक्टूबर को भारतीय टीम यहां के ग्रीनपार्क मैदान पर बुलंद हौसलों के साथ उतरेगी।
 
मैच के आयोजन से पहले टिकटों की कालाबाजारी और बदइंतजामी के आरोप यूपीसीए प्रशासन पर लगने शुरू हो गए है। कानपुर की एक अदालत में टिकटों की कालाबाजारी में यूपीसीए के पदाधिकारियों के शामिल होने की शिकायत की गई है। अदालत ने पुलिस को मामले की जांच कर रिपोर्ट गुरुवार तक सौंपने के आदेश दिए हैं।
 
यंग लायर्स के महामंत्री रतन अग्रवाल ने यूपीसीए के पदाधिकारी एनके अग्रवाल, ललित खान, पीडी पाठक, एस एस मिश्रा के खिलाफ टिकटों की कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई है।
 
उधर, यूपीसीए के पदाधिकारियों के भाव सातवें आसमान पर हैं। एन के अग्रवाल और पीडी पाठक समेत कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में बात करने से कतरा रहा है।
 
यूपीसीए के कई अधिकारियों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ है हालांकि इनमें से कुछ के फोन घनघना तो रहे हैं मगर वह काल रिसीव करने को तैयार नही हैं।
 
करीब दो साल बाद ग्रीनपार्क को एक दिवसीय मैच की मेजबानी हासिल हुई है। इससे पहले यहां भारत और वेस्टइंडीज के बीच एक दिवसीय मैच खेला गया था। कम समय के अंतराल पर मेजबानी हासिल करने के लिए यूपीसीए के सचिव राजीव शुक्ला और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वपूर्ण भूमिका को नजरअंदाज नही किया जा सकता।
 
नए नवेले डायक्ट्रेट पैवेलियन और ड्रेसिंग रूम के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्टेडियम को लेकर यूपीसीए के पदाधिकारियों की पिछले दिनों हुई एक बैठक में तय किया गया था कि भारत दक्षिण अफ्रीका मैच की मेजबानी के बाद ग्रीनपार्क प्रशासन आईपीएल मैच की मेजबानी का दावा ठोंकेगा।
 
हालांकि आईपीएल के आयोजन के लिए पांच सितारा होटल, एयरपोर्ट और दूसरी जरूरी सुविधाओं को लेकर पदाधिकारियों के बीच असमंजस की स्थिति थी।
 
इस बीच स्टेडियम के बाहर टिकटों की बिक्री के लिए खोले गए टिकट काउंटर पर चिलचिलाती धूप के बीच आज भी सुबह से शाम तक क्रिकेट प्रेमियों की भीड़ जमा रही। बिक्री के दौरान लाइन से बाहर जा रहे युवकों पर पुलिस कई दफा लाठियां चटकी मगर इससे उनका हौसला तनिक भी टूटता दिखाई नही देता।
 
लाइन से हटकर कई दफा पुलिसकर्मी टिकट काउंटर पर टिकट खरीदे देखे गए। स्टेडियम के आसपास और शहर के अलग अलग इलाकों में टिकटों की कालाबाजारी चरम पर है।
 
आलम यह है कि 100 रुपए का टिकट 700 से 1000 रुपए तक बिक रहा है जबकि 200 रुपए का 1500 से 1700 रुपए का और 750 का टिकट 4000 से 4500 रुपए में बिक रहा है।
 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने हालांकि कहा कि अगर कोई ब्लैक में टिकटों को बेचता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 
पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में टिकटों की कथित कालाबाजारी जोरों पर है। टिकट की लाइन पर लगे एक किशोर को एक पुलिस निरीक्षक ने डंडा जमाया तो उसने कहा कि मैं तो लाइन में हूं सडक के उस पार खड़े भईया को पकड़ों जो टिकट ब्लैक कर रहे है। इतना सुनते ही अधिकारी एक भद्दी सी गाली देते हुए मौके से खिसक गया।
 
बजरिया के इमरान ने बताया कि सुबह से लाइन में लगे थे, टिकट काउन्टर तक पंहुचने से पहले ही कर्मचारियों द्वारा टिकट खत्म होने की घोषणा कर दी गई। इसी तरह कल्याणपुर से आईं आशा देवी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि यहां सब कुछ जुगाड़ से होता है, काउन्टर तो दिखावे के लिए लगाए गए हैं।
 
दूसरी ओर यूपीसीए में जुगाड़ वाले क्रिकेट प्रेमी जब बाहर निकलते हैं तो उनकी मुस्कराहट से साफ अंदाज लगाया जा सकता है, कि उनका काम हो गया। मीडिया पास में भी जुगाड़ की जिम्मेदारी मीडिया प्रभारी मो. तालिब को सौंपी गई है, यहां भी जुगाड़ की मशीनरी के साथ-साथ ओहदा हावी है। (वार्ता)

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