विश्व कप से पाकिस्तान को बाहर करने की मांग उठी, दुबई में 27 फरवरी को बैठक

बुधवार, 20 फ़रवरी 2019 (20:53 IST)
नई दिल्ली। पुलवामा में हुए घिनौने आतंकी हमले में 40 से ज्यादा बहादुर सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद पूरे देश का गुस्सा ठंडा पड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है। देश का गुस्सा लाजिमी है, क्योंकि सीमा पार से आए आतंकियों ने यह नापाक हरकत की है। अटैक के बाद देश के नामी क्रिकेटर ये मांग कर रहे हैं कि बीसीसीआई क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी पर दबाव डाले कि वह पाकिस्तान को ही विश्व कप से बाहर कर दे।
 
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इंग्लैंड में 30 मई से 14 जुलाई तक आईसीसी विश्व कप क्रिकेट का आयोजन होना है। टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर और उत्तर प्रदेश सरकार के खेल मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि यदि पाकिस्तान विश्व कप में नहीं खेलता है तो इसका ज्यादा असर टूर्नामेंट पर नहीं होगा, लेकिन यदि भारत विश्व कप नहीं खेलता है तो आईसीसी को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि विश्व कप के 70 प्रतिशत से ज्यादा प्रायोजक भारतीय मूल के हैं। 
 
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चौहान ने कहा कि पुलवामा अटैक के बाद पूरा देश सदमे में है। सभी जानते हैं कि पाकिस्तान में ही आतंकवाद पनप रहा है, लिहाजा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आईसीसी पर यह दबाव डाले कि वह दुनिया के क्रिकेट हित में पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए उसे विश्व कप से बाहर करे। पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन ने भी कहा कि अभी लोहा गर्म है और यही कठोर फैसले लेने का सही वक्त है।
 
पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कहा कि क्रिकेट और वर्ल्ड कप से बड़ा है देश। देश की सुरक्षा क्रिकेट से पहले है। हमें पाकिस्तान से क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान पहले अपने घर के हालात ठीक कर ले, फिर क्रिकेट की बात करे।
 
भज्जी ने कहा कि देश के कारण ही हम खिलाड़ी बने हैं। यदि सरकार बोलेगी नहीं खेलना है तो उस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। स्पोर्ट्‍स और विश्व कप बहुत छोटी चीज है। जब हमारे जवानों पर अटैक होते रहेंगे तो हम कैसे सहन करेंगे। बतौर हिन्दुस्तानी मैं देश के साथ हूं। 
 
उन्होंने कहा कि हमारी टीम एक विश्व कप नहीं खेलेगी तो कौनसा पहाड़ टूट जाएगा? देश स्वस्थ और सेफ है तो फिर दूसरी चीजें होनी चाहिए। अभी जो चीजें हो रहीं हैं, वे गलत हो रही हैं। हमने इन्हें अभी नहीं रोका तो फिर कब रोकेंगे? एक बार तो नतीजा निकलना ही चाहिए।
 
27 फरवरी को दुबई में बैठक : पुलवामा अटैक के बाद भारत सरकार के स्टैंड से आईसीसी भी हिल गया है। 27 फरवरी को आईसीसी की एक विशेष बैठक दुबई में होगी, जिसमें अन्य मसलों के अलावा विश्व कप में भारत और पाकिस्तान क्रिकेट मैचों पर भी चर्चा होगी।
 
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के चलते क्या बीच का रास्ता निकाला जाए, इस पर भी आईसीसी में मंथन होगा क्योंकि आईसीसी भारत से डरता है। वह इससे भी परेशान है कि यदि 16 जून 2019 भारत विरुद्ध पाकिस्तान (ओल्ड ट्रेफर्ड, मैनचेस्टर) में रद्द हो जाता है तो विश्व कप पर इसका क्या असर पड़ेगा?
 
बीसीसीआई को पैसे की कोई कमी नहीं : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को दुनिया का सबसे अधिक धनी क्रिकेट संगठन माना जाता है। बीसीसीआई को पैसे की कोई कमी नहीं है। भारतीय टीम जिस देश में भी मैच खेलने जाती है, वहां के दर्शक और प्रायोजकों को आकर्षित करती है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के हाल के दौरे इसके सबूत हैं। दोनों देशों में जहां-जहां मैच हुए हैं, वहां 90 फीसदी दर्शक संख्या वहां बसे भारतीयों की थी।
 
नामी क्रिकेटर कर चुके हैं आलोचना : पुलवामा अटैक 40 से ज्यादा जवानों की शहादत ने पूरे देश को हिलाकर रखा हुआ है। 14 फरवरी को जिस दिन सीआरपीएफ के काफिले में चल रही बस पर आतंकी हमला हुआ था, उसकी आलोचना सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, वीरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर ने की थी। इन नामी क्रिकेटरों ने इसे कायराना और घिनौना कृत्य करार दिया था। सभी क्रिकेटरों के लिए खेल बाद में हैं और देश पहले। लिहाजा यदि विश्व कप से पाकिस्तान को बाहर करने के लिए हर भारतीय क्रिकेटर तैयार खड़ा है।
 
भारत सरकार ने दिए प्रतिबंध के संकेत : भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'आतंकवाद और क्रिकेट साथ-साथ नहीं चल सकता।' प्रसाद ने कहा, विचार तो करना पड़ेगा। ये पप्पियां, झप्पियां और क्रिकेट के छक्के के साथ आतंकवाद के शहीदों की लाशें आना कितने दिन चलेगा? (वेबदुनिया न्यूज)

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