आईसीसी की एक गलती के कारण क्या ड्रॉ हो सकता है WTC फाइनल?
सोमवार, 21 जून 2021 (17:48 IST)
भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबले पर बारिश कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गई है। पहले दिन के खेल के धुलने के बाद अब मैच का चौथा दिन भी बारिश के नाम होता दिख रहा है। इसके बाद अब क्रिकेट एक्सपर्ट्स द्वारा ये बयान सामने आने शुरु हो गए हैं कि ये मैच अब ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है।
टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की शुरुआत शुक्रवार से हुई, मगर मैच का पहला दिन बिना टॉस के ही धुल गया था। दूसरे व तीसरे दिन का गेम खेला गया, लेकिन वह भी खराब रौशनी व हल्दी बारिश से प्रभावित रहा। इन सबके चलते अब आखिरकार जिस बात का डर था, वही होता दिख रहा है और मैच सेशन दर सेशन बारिश से बाधित होने के चलते ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है।
Lunch has been taken at the Hampshire Bowl in Southampton after no play was possible in the opening session of day four #WTC21 Final | #INDvNZpic.twitter.com/aA8YQlwJf6
अब तक यदि मैच की बात करें, तो दोनों टीमों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। न्यूजीलैंड ने भारत को 217 पर समेट दिया था और तीसरे दिन के खत्म होने तक कीवी टीम का स्कोर 101-2 का था। दोनों ही टीमों के कप्तान अपने देश के लिए बतौर कप्तान पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब इंतजार बढ़ता दिख रहा है, क्योंकि यदि ये मैच ड्रॉ पर खत्म होता है, तो ट्रॉफी की हकदार दोनों टीमें होंगी, क्योंकि संयुक्त विजेता चुना जाएगा।
आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला न्यूट्रल वेन्यू पर इंग्लैंड की मेजबानी में आयोजित किया। मैच साउथेम्पटन के रोज बॉल मैदान पर खेला जा रहा है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि इंग्लैंड में इस वक्त बारिश होना कोई नई बात नहीं है, इस बात को जानते-बूझते भी आईसीसी ने इतने बड़े मैच को इंग्लैंड में वो भी इस वक्त आयोजित किया, ये वाकई निंदनीय बात है। क्योंकि इस फाइनल में पहुंचने के लिए दोनों ही टीमों ने 2 साल तक लीग मैचों में संघर्ष किया और आईसीसी की एक गलती के चलते मैच का परिणाम खतरे में पड़ गया है।
बताते चलें, पहले मैच के वॉश आउट होने के बाद आईसीसी ने ऐलान कर दिया था कि 23 जून को रिजर्व डे को भी मैच खेला जाएगा। यानि मैच 22 को नहीं बल्कि 23 तक चलने वाला है। मगर बदकिस्मती से इस मुकाबले के ड्रॉ के साथ खत्म होने की ज्यादा चांसेस बन रहे हैं।