अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की शक्तिशाली बोर्ड की शुक्रवार को होने वाली अहम बैठक में अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लंबे समय से प्रतीक्षित कार्यक्रम को लेकर मुख्य चर्चा होगी।
चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान के पास है और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने आईसीसी को बता दिया है वह टीम को पाकिस्तान नहीं भेजेगा। पाकिस्तान दूसरी तरफ टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल के तहत आयोजित नहीं करने पर अड़ा हुआ है।आईसीसी बोर्ड की बैठक वर्चुअल तरीके से होगी और इसमें चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम को लेकर कोई हल निकलने की संभावना है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने PTI-(भाषा) से कहा, इस समय हाइब्रिड मॉडल सबसे अच्छा विकल्प है। हमें उम्मीद है कि टूर्नामेंट में शामिल सभी पक्ष टूर्नामेंट के हित में समझदारी भरा फैसला लेंगे। भारत और पाकिस्तान के बिना टूर्नामेंट का आयोजन करना अच्छा नहीं है।
आईसीसी के सदस्य पीसीबी को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के बिना चैंपियंस ट्रॉफी की चमक फीकी पड़ जाएगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान होगा।
टूर्नामेंट के मुख्य प्रसारक जियो स्टार ने पहले ही आईसीसी के शीर्ष अधिकारियों से संपर्क कर कार्यक्रम के बारे में अंतिम निर्णय पर पहुंचने में हो रही देरी पर अपनी निराशा व्यक्त की है।
आईसीसी और प्रसारणकर्ता के बीच हुए अनुबंध के अनुसार संचालन संस्था से अपेक्षा की गई थी कि वह टूर्नामेंट का कार्यक्रम कम से कम 90 दिन पहले दे, लेकिन यह समय सीमा पहले ही पार कर ली गई है।
इस सूत्र ने भारत और पाकिस्तान को अलग-अलग ग्रुप में रखने की संभावना को खारिज करते हुए कहा, मुझे नहीं लगता कि टेलीविजन अधिकार धारक इस बात से सहमत होंगे। वे ग्रुप चरण में ही भारत बनाम पाकिस्तान मैच की मांग करेंगे, ताकि टूर्नामेंट की लोकप्रियता और मौद्रिक आय में वृद्धि हो सके। दोनों टीमों का सामना अगर नॉकआउट चरण में होगा तो यह उनके लिए किसी बोनस की तरह होगा।
उन्होंने कहा, भारत ने पहले ही तय कर दिया है कि नॉकआउट चरण में पहुंचने पर भी टीम पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी ऐसे में यह चर्चा हाइब्रिड मॉडल के इर्द-गिर्द होगी।
भारत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है, जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे।आईसीसी ने भी कई बार कहा है कि वह वह किसी भी सदस्य बोर्ड से सरकार की सलाह के विरुद्ध जाने की अपेक्षा नहीं करता है।पाकिस्तान की स्थिति देश में जारी मौजूदा राजनीतिक विरोध से और कमजोर हुई है।
इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर राजनीतिक विरोध के कारण कुछ दिन पहले श्रीलंका ए टीम का पाकिस्तान दौरा बीच में ही रोकना पड़ा था। यह उथल-पुथल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के विरोध के कारण है, जो पूर्व कप्तान और प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प और हिंसा की घटनाएं सामने आई है।
पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी देश के गृह मंत्री भी है। उन्होंने घोषणा की थी कि अशांति को खत्म करने के लिए सेना को बुलाया गया था। लेकिन जब चैंपियंस ट्रॉफी की बात आती है, तो पीसीबी वहां आयोजन कराने पर अड़ा हुआ है।
नकवी ने बुधवार रात को कहा कहा था, मैं केवल इतना आश्वासन दे सकता हूं कि बैठक में जो भी होगा, हम ऐसी अच्छी खबरें और निर्णय लेकर आएंगे जिन्हें हमारे लोगों द्वारा स्वीकार किया जाएगा।
ऐसे में आईसीसी बोर्ड के सदस्यों का प्राथमिक लक्ष्य पीसीबी को हाइब्रिड मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित करना होगा। इसमें लीग चरण के साथ भारत के नॉकआउट चरण के मैचों का आयोजन यूएई में होने का प्रावधान हो सकता है।
पीसीबी अगर अड़ियल रवैया अपनाता है और आईसीसी द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी को किसी तटस्थ स्थान पर आयोजित करने के निर्णय की स्थिति में इसका बहिष्कार करता है तो क्या होगा?
सूत्र ने कहा, यह लगभग असंभव जैसा परिदृश्य है। इसके पाकिस्तान क्रिकेट पर बहुत दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इससे उनकी वित्तीय स्थिति को काफी नुकसान होगा।
3 potential scenarios for the 2025 Champions Trophy (Cricbuzz):
1. ICC decides on the hybrid model and Pakistan reluctantly accepts.
2. Pakistan rejects it and the tournament is relocated to UAE or South Africa.
3. CT is cancelled or postponed which is least likely.
भारत अगले कुछ वर्षों में कुछ टूर्नामेंटों की मेजबानी करने वाला है।उन्होंने कहा, अगर पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी का बहिष्कार करने का फैसला करता है, तो उन्हें भारत में आयोजित होने वाले टूर्नामेंटों का भी बहिष्कार करना होगा, जिससे पीसीबी पर बहुत अधिक वित्तीय देनदारियां आ सकती हैं।भारत एशिया कप (2025), महिला विश्व कप (2025) और श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से पुरुष टी20 विश्व कप (2026) की मेजबानी करने वाला है।