महिला विश्व कप : इतिहास रचना है तो ऑस्ट्रेलिया को करना होगा चित

बुधवार, 19 जुलाई 2017 (14:39 IST)
डर्बी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी विश्व कप में इतिहास रचने से अब बस चंद कदम की दूरी पर है लेकिन उससे पहले मिताली एंड कंपनी को दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में गुरुवार को 6 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की चुनौती से पार पाना होगा।
 
भारतीय महिला टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 186 रन की अपनी जबरदस्त जीत की बदौलत विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी। लेकिन दूसरे सेमीफाइनल में उसके लिए राह काफी मुश्किल होने वाली है, जहां वह टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया का सामना करेगी जिसके खिलाफ उसका पिछला रिकॉर्ड खास नहीं रहा है। 
 
लेकिन यदि टीम इंडिया को पहली बार विश्व कप चैंपियन बनकर इतिहास रचना है तो उसे फाइनल का टिकट पाने के लिए इस चैंपियन टीम को उलटफेर का शिकार बनाना होगा। इंग्लैंड की टीम दक्षिण अफ्रीका को पहले सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में जगह बना चुकी है जिसे भारत इस टूर्नामेंट में अपने पहले ही मैच में 35 रन से शिकस्त दे चुका है।
 
भारतीय टीम इस समय जबरदस्त लय में है और उसने टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया है। कप्तान और स्टार बल्लेबाज मिताली वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं तो झूलन गोस्वामी अनुभवी और सफल गेंदबाज हैं। टीम के पास बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम है जिसने अब तक खुद को साबित किया है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी चुनौती सबसे बड़ी होगी जिससे पिछले 42 मैचों में उसने 34 मैच गंवाए हैं। 
 
भारतीय टीम ने इससे पहले वर्ष 2005 में पहली और एकमात्र बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन उसे फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों ही 98 रन से हार झेलनी पड़ी थी। यदि भारतीय महिलाएं इस बार भी फाइनल का टिकट जीतती हैं तो यह दूसरा मौका ही होगा, जब वह टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में पहुंचेगी। 
 
वैसे ग्रुप चरण के मैचों को देखें तो ऑस्ट्रेलिया ने 7 में से 6 मैच जीते और दूसरे पायदान पर रही जबकि भारत ने इतने मैचों में लगातार 4 मैच जीते थे लेकिन फिर उसे दक्षिण अफ्रीका से 115 रन और ऑस्ट्रेलिया से 8 विकेट से हार झेलनी पड़ गई। हालांकि न्यूजीलैंड पर जीत से उसने सेमीफाइनल का टिकट हासिल कर लिया लेकिन एक बार फिर उसे गत चैंपियन टीम का सामना करना होगा।
 
वर्ष 2013 में भारत की जमीन पर हुए पिछले विश्व कप संस्करण में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वेस्टइंडीज को 114 रनों से पीटकर विश्व कप खिताब जीता था वहीं टूर्नामेंट के लीग चरण में भी उसका प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा था और भारत को उसने एकतरफा अंदाज में 8 विकेट से करारी शिकस्त दी थी। ऐसे में भारतीय क्रिकेटरों को ज्यादा सतर्क रहकर खेलना होगा और पिछली गलतियों से सबक लेना होगा।
 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच में भारतीय बल्लेबाज पूनम राउत ने 106 और कप्तान मिताली ने 69 रनों की अहम पारियां खेलकर भारत को 226 के स्कोर तक पहुंचाया था लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों ने उस मैच में निराश किया तो वहीं गेंदबाज इस चुनौतीपूर्ण स्कोर का बचाव तक नहीं कर सके थे। इस मैच में केवल पूनम यादव ही एकमात्र विकेट ले सकीं थीं। (वार्ता)

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