बांग्लादेश ने टी 20 त्रिकोणीय श्रृंखला में श्रीलंका को अंतिम लीग मैच हराकर फाइनल में जगह तो बना ली, लेकिन बांग्लादेश के कप्तान शकीब अल हसन का अंतिम ओवर में व्यवहार क्रिकेट के मानकों के अनुरूप नहीं था।
दरसअल बांग्लादेश को अंतिम ओवर में जीत के लिए 12 रन चाहिए थे। गेंदबाज़ इसुरू उदाना ने पहली दोनों गेंदें बल्लेबाज की चेस्ट हाइट से ऊपर फेंकी। दोनों ही बार अंपायर ने नो बॉल का इशारा नहीं किया। इस पर शकीब इतना भड़क गए कि अंपायरों से बहस करने बाउंड्री लाइन पर आ गए। अपने बल्लेबाज़ों को वापस आने का इशारा करने लगे।
बाद में बाग्लादेश ने महमुदुल्लाह की बदौलत मैच जीता, लेकिन शकीब की यह हरकत क्रिकेट की गरिमा को ठेस पहुंचा गई। मैच के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में शकीब ने माना की उन्हें सही बर्ताव करना चाहिए था और वे भविष्य में इसका ध्यान रखेंगे।
शकीब पर आईसीसी जुर्माना लगाए, प्रतिबंध लगाए, लेकिन इससे क्रिकेट के उस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती, जो शकीब के व्यवहार के कारण हो चुका है। बांग्लादेश तेज़ी से उभरती हुई टीम है, लेकिन इसे अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में न केवल अपने खेल को बेहतर करना होगा, बल्कि यह भी सीखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए कैसे पेश आया जाता है।
शकीब कोई नए खिलाड़ी नहीं हैं, वे सालों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं, उन्होने ऐसा अपरिपक्व व्यवहार करके न केवल अपनी टीम पर उंगली उठाने का मौका दिया है, बल्कि क्रिकेट को भी अपमानित किया है।