क्लार्क ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत को पुणे की तुलना में बेंगलुरू में हराना काफी कठिन होगा। अगर भारत टास जीत गया होता और पुणे में उसने बल्लेबाजी की होती तो मुझे नहीं लगता कि परिणाम यही हुआ होता। पूर्व कप्तान का मानना है, भारत में पहली पारी का स्कोर काफी अहम होता है।
अगर आप पहली पारी में 450 रन या इससे ज्यादा का स्कोर बनाते हो तो यह मायने नहीं रखता कि टॉस कौन जीता। पहली पारी में आपने जैसी बल्लेबाजी की, उसका मैच पर असर होता है। इसलिए पहली पारी में ज्यादा से ज्यादा रन जुटाना, दोनों टीमों का लक्ष्य होना चाहिए। क्लार्क ने कहा कि बेंगलुरू में विकेट अंतिम दो दिन में बिगड़ेगा।
उन्होंने कहा कि उप महाद्वीप में, ऐसा लगता है कि मैच पहले तीन दिन काफी-धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है और फिर अंतिम दो दिन में यह खराब होना शुरू होता। गेंद अलग-अलग तरह के उछाल और तेजी से ज्यादा स्पिन होना शुरू हो जाती है और इससे बल्लेबाजों को परेशानी होनी शुरू हो जाती है। (भाषा)