इंग्लैंड का स्कोर एक समय बिना किसी नुकसान के 103 रन था, जो लंच के बाद पहले घंटे के अंदर ही चार विकेट पर 129 रन हो गया। चाय के विश्राम के बाद फिर से यही कहानी दोहराई गई। पिच अब भी सपाट थी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर उन्हें विकेट गंवाने के लिए मजबूर किया।