वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में सुलझ सकती है मध्यक्रम की समस्या, लेकिन एक सिरदर्द है बाकी

शनिवार, 29 जनवरी 2022 (19:31 IST)
2023 वनडे विश्व कप की तरफ़ आगे बढ़ने के इरादे से भारतीय टीम दक्षिण अफ़्रीका के विरुद्ध वनडे सीरीज़ में उतरी थी। हालांकि न केवल उसे 0-3 से हार का सामना करना पड़ा, बल्कि वह इस प्रारूप में अपनी समस्याओं का समाधान खोजने में भी विफल रही। पिछले कुछ वर्षों में भारत विकेट लेने के मामले में घातक नहीं रहा है। टीम का मध्यक्रम भी ज़रूरत पड़ने पर प्रभावशाली नहीं दिखा है।

हालांकि रोहित शर्मा के बतौर कप्तान और सलामी बल्लेबाज के तौर पर लौटने के बाद लग रहा है कि टीम के दिन फिर जाएंगे और एक बड़ी समस्या का समाधान मिल जाएगा।मध्यक्रम में कई समय तक कोच राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट में योगदान दिया था अब शायद एक और राहुल की जरूरत भारतीय मध्यक्रम को है।

केएल राहुल को भेजा जाएगा मध्यक्रम में

बल्लेबाज़ी विभाग में लोकेश राहुल ने पिछले दो साल में चौथे और पांचवें नंबर पर बढ़िया बल्लेबाज़ी करने के बावजूद रोहित शर्मा की ग़ैरमौजूदगी में पारी की शुरुआत की। हालांकि राहुल के इस क़दम ने मध्य-क्रम में एक स्थान खोल दिया और भारत ने श्रेयस अय्यर को वहां आज़माया। श्रेयस ने तीनों मैचों में पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी की और हर मौक़े पर उनके पास अपनी पारी को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने का पर्याप्त समय था। उन्होंने 17, 11 और 26 का स्कोर बनाया। शायद भारतीय टीम को उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। द्रविड़ ने इस सीरीज़ के बाद कहा था कि खिलाड़ियों को अगर ज़्यादा मौक़े दिए जाएंगे तो उन्हें उनसे "बड़े प्रदर्शन" की उम्मीद रखी जा सकती है।

जहां तक पंत का सवाल है, दूसरे वनडे मैच में 71 गेंदों में 85 रन की पारी यकीनन किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा सीरीज़ की सर्वश्रेष्ठ पारी थी। शिखर धवन और विराट कोहली को खोने के बाद पंत ने काफ़ी सकारात्मकता के साथ अपनी पारी का निर्माण किया था। लेकिन तीसरे वनडे में खराब शॉट खेलकर पंत का शून्य पर अपना विकेट गंवाना भारत को भारी पड़ा।

वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में रोहित के लौटने के बाद, राहुल मध्य क्रम में वापस आ सकते हैं। जब वह पंत के साथ मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी करेंगे तो भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी थोड़ी संतुलित हो सकती है।

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ऑलराउंडर की समस्या दे रही है सिर दर्द

एक और समस्या, जो लंबे समय से चली आ रही है, वह ये कि भारत के बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी नहीं करते हैं और उनके गेंदबाज़ों पर आप यह भरोसा नहीं कर सकते हैं कि वह रन बनाएंगे। पिछली वनडे सीरीज़ के दौरान, शार्दुल ठाकुर और दीपक ने बल्ले के साथ बढ़िया प्रदर्शन किया। लेकिन क्या शार्दुल पहली पसंद के गेंदबाज़ हैं या वह अपनी बल्लेबाज़ी के कारण टीम में शामिल किए जा रहे हैं? टीम के पास इस समस्या का निवारण फ़िलहाल तो नहीं है। हार्दिक पंड्या की फ़िटनेस ने टीम की परेशानी बढ़ाकर रख दी है।

हार्दिक की अनुपस्थिति में भारत ने वेंकटेश अय्यर को अपने छठे गेंदबाज़ी विकल्प के रूप में आज़माया, लेकिन उन्हें पहले वनडे में एक भी ओवर नहीं दिया गया। हालांकि उन्होंने दूसरे वनडे में पांच ओवर की गेंदबाज़ी की थी।

इस समस्या का समाधान शायद अब शार्दुल या फिर दीपक को एक ऑलराउंडर गेंदबाज की तरह ट्रेन करने में मिल सकती है। हार्दिक पांड्या अभी भी गेंदबाजी से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि अगर लंबे समय तक यह समस्या रही तो थक हार कर हार्दिक पांड्या के पास ही चयनकर्ताओं को भविष्य में जाना पड़ेगा।

भारत ने अंतिम वनडे में श्रेयस को छठे गेंदबाज़ी विकल्प के रूप में आज़माया। उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ लेग स्पिन और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी की। लेकिन उनकी गेंदबाज़ी में नियंत्रण की कमी थी। फिर भी यह एक ऐसा विकल्प है जिस पर भारतीय टीम ने अभी तक सोचा नहीं था। अगर श्रेयस अपनी गेंदबाज़ी पर काम कर लें तो टीम को काफ़ी राहत मिल सकती है। हालांकि भारत उम्मीद कर रहा होगा कि हार्दिक और जडेजा विश्व कप आने तक अपनी फ़िटनेस और फ़ॉर्म को हासिल कर लेंगे।

रोहित और द्रविड़ को पता होगा कि अभी भी काफ़ी कुछ ठीक किया जाना है। हालांकि वह यह भी जानते हैं कि इस सीरीज़ में टीम ने काफ़ी प्रयोग भी किया, जिसके कारण वह एक ही सीरीज़ से ज़्यादा निष्कर्ष निकालने का प्रयास नहीं करेंगे।

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