2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को पाकिस्तान का हाथों 180 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में पाकिस्तान ने फखर जमान (114), अजहर अली (59), मोहम्मद हफीज (57) और बाबर आजम (47) की जबरदस्त पारियों की बदौलत 338 रन बनाए थे। जवाब में टीम इंडिया की पारी 30.3 ओवरों में मात्र 158 रनों पर सिमट गई।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करते समय पाक कप्तान सरफराज अहमद को भी इस बात का तनिक भी इल्म नहीं था कि उसके दो बेहद खतरनाक बल्लेबाज फखर जमान और इमाम उल हक मात्र 2 रन के स्कोर पर पैवेलियन लौट गए। दोनों ही बल्लेबाजों को भुवनेश्वर ने पैवेलियन का रास्ता दिखाया। इसके बाद बाबर आजम (47) और शोएब मलिक (43) के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 85 रनों की साझेदारी को छोड़ दिया जाए तो पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सका।
जिस किसी ने टीम इंडिया को इस मैदान पर हांगकांग के खिलाफ खेलते देखा, उसके लिए भारत की इस विशाल जीत पर भी यकीन करना संभव नहीं होगा। मंगलवार की टीम इंडिया और बुधवार की टीम इंडिया के प्रदर्शन में जमीन आसमान का फर्क था। टीम इंडिया आसान काम को कठिन तरह से करने और कठिन काम को आसानी से करने में माहिर है। एशिया कप भी उसने यही किया। कमजोर हांगकांग के खिलाफ मैच में उसने बेहद मुश्किल तरह से जीत हासिल की तो मजबूत पाकिस्तान को मजबूर बनाकर टीम इंडिया ने यह मैच जीत लिया।