भारतीय टीम दूसरा टेस्ट भी हारी, श्रृंखला पर दक्षिण अफ्रीका का कब्जा

बुधवार, 17 जनवरी 2018 (16:30 IST)
सेंचुरियन। जबरदस्त लय और ऊंचे मनोबल के साथ दक्षिण अफ्रीका पहुंची कप्तान विराट कोहली की नंबर वन भारतीय टीम अफ्रीका की जमीन पर 25 वर्षों बाद भी अपवाद साबित नहीं हो सकी और बुधवार को करो या मरो के दूसरे क्रिकेट टेस्ट में 135 रनों से पराजित होने के साथ सीरीज़ भी गंवा बैठी।


भारतीय टीम केपटाउन में पहला मैच हारकर तीन टेस्टों की सीरीज़ में 0-1 से पिछड़ चुकी थी लेकिन रोमांच और आक्रामकता से भरे दूसरे टेस्ट में टीम 287 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी और दक्षिण अफ्रीका की उछाल भरी पिचों पर घूमती गेंदों के सामने पूरी टीम 50.2 ओवरों में 151 रन पर ढेर हो गई।


इसी के साथ मेज़बान टीम ने 2-0 से सीरीज़ में अपराजेय बढ़त कायम कर ली है। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए मध्यक्रम के बल्लेबाज़ रोहित शर्मा 47 रन की पारी खेलकर सबसे सफल रहे जबकि पहली पारी में 153 रन की बेहतरीन शतकीय पारी खेलने वाले विराट दूसरी पारी में पांच रन पर आउट हुए। लुंगी एनगिदी ने जसप्रीत बुमराह को वेर्नोन फिलेंडर के हाथों कैच कराकर भारत का आखिरी विकेट निकाला।

वे दूसरी पारी में 39 रन पर सर्वाधिक 6 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल गेंदबाज़ रहे। निचले क्रम पर उपयोगी साबित होने वाले स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और रविचंद्रन अश्विन भी एनगिदी के प्रहार से बच नहीं सके और डी काक ने उन्हें छठे और सातवें बल्लेबाज़ के रूप में विकेट के पीछे कैच कर पवेलियन भेज दिया। पांड्या ने 12 गेंदों में 6 रन और अश्विन ने 6 गेंदों में तीन रन बनाए।

एक छोर पर हालांकि रोहित ने टिकते हुए रन बटोरने की आखिरी कोशिश की और 74 गेंदों में छह चौके और एक छक्का लगाकर 47 रन की पारी खेली और बल्ले से सबसे सफल भी रहे। उन्होंने दूसरे छोर पर मोहम्मद शमी के साथ आठवें विकेट के लिए 54 रन की अर्द्धशतकीय साझेदारी भी जमाई।

शमी ने 24 गेंदों की पारी में पांच चौके लगाकर 28 रन बनाए। तेज़ गेंदबाज़ रबादा ने रोहित को डीविलियर्स के हाथों कैच कराकर इस साझेदारी पर ब्रेक लगाया और आठवां विकेट 141 के स्कोर पर निकाल दिया। शमी को आखिरी समय में एक जीवनदान भी मिला जब हाशिम अमला ने उनका कैच छोड़ दिया लेकिन वे देर तक संयम नहीं बनाए रख सके और जल्द ही नौवें बल्लेबाज़ के रूप में आउट हुए।

एनगिदी ने शमी को मोर्कल के हाथों कैच कराया जबकि बुमराह को फिलेंडर के हाथों कैच कराकर भारतीय पारी समेट दी। दक्षिण अफ्रीका की ओर से 21 साल के मध्यम तेज़ गेंदबाज़ एनगिदी ने अपने टेस्ट पदार्पण को यादगार बनाते हुए 12.2 ओवर में 3.16 के इकोनेामी रेट से 39 रन पर सर्वाधिक 6 विकेट निकाले। रबादा को 14 ओवर में 47 रन पर तीन विकेट मिले।

एनगिदी को उनके पहले ही टेस्ट में इस मैच विजयी प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। दुनिया की नंबर एक टीम के खिलाफ नंबर दो दक्षिण अफ्रीका टीम ने इस मैदान पर अपने पिछले बेहतरीन रिकॉर्ड को भी कायम रखा। यहां घरेलू टीम ने अब तक पिछले 22 टेस्टों में 17 टेस्ट जीते हैं, तीन ड्रॉ खेले हैं और मात्र दो ही गंवाए हैं।

सेंचुरियन टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 335 रन बनाए थे जिसके जवाब में कप्तान विराट के 153 रन की शतकीय पारी के बावजूद भारत पहली पारी में 307 रन पर ऑल आउट हो गई। दक्षिण अफ्रीका ने इसके बाद दूसरी पारी में 258 रन बनाए और पहली पारी की बढ़त के आधार पर 286 रन की कुल बढ़त कायम की थी और अंतत: मैच के आखिरी दिन लंच से पहले जीत अपने नाम कर ली।

भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद से वहां वर्ष 1992-93 में दौरा करने वाली पहली टीम थी और तब उसने चार मैचों की सीरीज़ 0-1 से गंवाई थी। इसके बाद से भारत फिर कभी उसकी ज़मीन पर टेस्ट सीरीज़ नहीं जीत सका है। भारत ने वर्ष 1996-97 में तीन मैचों की सीरीज़ 0-2 से, वर्ष 2001-02 में दो मैचों की सीरीज़ 0-1 से, 2006-07 में तीन मैचों की सीरीज़ में 1-2 से हारी।

भारत ने वर्ष 2010-11 में तीन मैचों की सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ खेली थी जबकि वर्ष 2013-14 में दक्षिण अफ्रीका के अपने आखिरी दौरे में भारतीय टीम दो मैचों की सीरीज़ में 0-1 से पराजित रही है। सेंचुरियन के मैदान पर दक्षिण अफ्रीकी टीम का हमेशा से बेहतरीन रिकार्ड रहा है जिसे घरेलू टीम ने दूसरे टेस्ट में कायम रखा। भारत ने इस मैदान पर मात्र एक टेस्ट वर्ष 2010 तक खेला था और तब उसे यहां महेंद्रसिंह धोनी की कप्तानी में पारी और 25 रन से हार झेलनी पड़ी थी। (वार्ता)

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