सेंचुरियन टेस्ट : बेहतर तैयारी के साथ उतरेगी टीम इंडिया
शुक्रवार, 12 जनवरी 2018 (14:20 IST)
सेंचुरियन। पहले मैच में मिली पराजय के बाद भारतीय टीम को चयन की दुविधाओं से उबरकर शनिवार से यहां शुरू हो रहे 'करो या मरो' के दूसरे मुकाबले में पिच की उछाल और दक्षिण अफ्रीका के तेज आक्रमण का बेहतर ढंग से सामना करना होगा।
लगातार 9 श्रृंखलाएं जीतने का भारत का रिकॉर्ड शनिवार को दांव पर होगा चूंकि मेजबान टीम ने पहला टेस्ट 72 रनों से जीतकर 3 मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बना ली है। भारत को 2018-19 में विदेशी धरती पर 12 टेस्ट खेलने हैं और यह उनमें से दूसरा ही टेस्ट है। भारत को श्रृंखला में बने रहने के लिए यह टेस्ट हर हालत में जीतना होगा।
दक्षिण अफ्रीका अगर 2-0 की बढ़त बना भी लेता है तो भारत की नंबर 1 टेस्ट रैंकिंग पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन भारतीय टीम को स्वदेश में काफी आलोचना का सामना करना पड़ेगा। भारतीय टीम प्रबंधन को ऐसे में काफी सोच-समझकर चयन करना होगा। दूसरे टेस्ट की पहली गेंद फेंके जाने से 48 घंटे पहले भारतीय टीम ने सुपरस्पोर्ट पार्क पर करीब 4 घंटे तक अभ्यास किया।
चेतेश्वर पुजारा ने पहली स्लिप में कैचिंग का अभ्यास किया जबकि विराट कोहली और रोहित शर्मा ने मिलकर बल्लेबाजी की जबकि अजिंक्य रहाणे अधिकांश समय मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने और शिखर धवन ने आखिर में सहायक कोच संजय बांगड़ के साथ थ्रो डाउन अभ्यास किया। दोनों में से किसी ने असली तेज गेंदबाजी का सामना नहीं किया।
केएल राहुल, मुरली विजय और पुजारा ने आसपास के नेट पर बल्लेबाजी की। उनके बाद कोहली और रोहित बल्लेबाजी के लिए आए और फिर हार्दिक पंड्या तथा रिद्धिमान साहा उतरे। धवन की जगह राहुल का खेलना तय है।
धवन का विदेश में खेले गए 19 टेस्टों में औसत 43-72 है, जो उनके करियर के औसत 42.62 से अधिक है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में उनके रिकॉर्ड को देखें तो यह 11 टेस्टों में सिर्फ 27-81 है। दक्षिण अफ्रीका में 3 टेस्टों में उनका औसत 18 रहा है और वे एक भी अर्द्धशतक नहीं बना सके। उनका सर्वोच्च स्कोर यहां 29 रन है, जो उन्होंने 2013-14 में बनाया था। ये आंकड़े उनके लिए भी चिंता का सबब हैं।
दूसरी ओर राहुल तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बल्लेबाज हैं। रोहित और रहाणे में से एक का चयन भी कठिन है। हालांकि कोहली ने कहा था कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पहले टेस्ट में रोहित को चुना गया। रोहित केपटाउन में 2 पारियों में 11 और 10 रन ही बना सके लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि टीम प्रबंधन एक मैच की नाकामी के बाद अपना फैसला बदलेगा।
गेंदबाजी में हार्दिक पंड्या अपनी जगह पक्की कर ही चुके हैं। कोहली को बाकी 4 का चयन करना है और इसमें पिच की भूमिका अहम होगी। अगर पिच न्यूलैंड्स की तरह होगी तो भारत एक स्पिनर को बाहर कर सकता है। अब देखना यह है कि कोहली तेज गेंदबाजी आक्रमण में क्या बदलाव करते हैं।
उमेश यादव ने गुरुवार को नेट पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी का अभ्यास किया। बीमारी से उबर चुके ईशांत शर्मा भी लय में दिखे। दोनों मिलकर 115 टेस्टों का अनुभव रखते हैं लेकिन अगर कोहली टीम में बदलाव नहीं करते हैं तो मात्र 1 मैच के अनुभव वाले जसप्रीत बुमराह को इन पर तरजीह मिल सकती है।
भारतीय खेमे में जहां ऊहापोह का माहौल है, वहीं दक्षिण अफ्रीका खेमा उतना चिंतित नजर नहीं आया। मेजबान टीम के लिए चिंता का सबब चोटिल डेल स्टेन का विकल्प तलाशना है। युवा लुंगी एंगिडि को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिल सकता है। हरफनमौला क्रिस मौरिस भी जगह पा सकते हैं।