अब अय्यर का साथ निभाने दीपक हुड्डा आए जिन्होंने एक चौके और एक छक्का लगाकर 21 रन का योगदान दिया लेकिन 11वें ओवर में लाहिरू कुमारा की गेंद पर बोल्ड हो गए। अय्यर ने 12वें ओवर में जेफरे वांडरसे पर मिडविकेट पर गगनचुंबी छक्का जड़कर श्रृंखला में नाबाद अर्धशतकों की हैट्रिक लगाई। पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आये वेंकटेश अय्यर (05) लाहिरू कुमारा का दूसरा शिकार बने। फिर जडेजा और अय्यर ने पांचवें विकेट के लिए नाबाद 45 रन की साझेदारी निभाकर टीम को आसान जीत दिलाई।
रोहित की रिजर्व बेंच ने जिस तरह का प्रदर्शन किया, यह देखना शानदार था। आवेश खान ने अपने भुला देने वाले पदार्पण की भरपायी करते हुए मोहम्मद सिराज के साथ शानदार शुरूआती स्पैल डाला। यहां तक कि दो कलाई के स्पिनर रवि बिश्नोई (32 रन देकर एक विकेट) और कुलदीप यादव (चार ओवर में 25 रन) ने भी अच्छी गेंदबाजी की।
काफी हैरानी की बात है कि दो साल से बिश्नोई केवल गुगली ही फेंक रहे हैं लेकिन ये इतनी सटीक हैं कि इंडियन प्रीमियर लीग में और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्लेबाजों को उनका अंदाजा ही नहीं हो पा रहा। कप्तान शनाका ने नौ चौके और दो छक्के जड़ित नाबाद पारी खेलकर फिर टीम को बचाया जिससे वे श्रीलंका को 150 रन के करीब ले गए, लेकिन आवेश (चार ओवर में एक मेडन से 23 रन देकर दो विकेट) और सिराज (चार ओवर में 22 रन) ने अपनी तेजी और उछाल से श्रीलंका के शीर्ष क्रम को ध्वस्त किया जिससे चौथे ओवर तक टीम का स्कोर तीन विकेट पर 11 रन था। इससे वापसी करना मुश्किल था।
सिराज ने पहले धनुष्का गुणतिलक (शून्य) को शार्ट गेंद पर आउट किया जिसे इस बल्लेबाज ने पुल करने की कोशिश की थी। ईडन गार्डन्स पर पदार्पण पर 40 रन देने वाले आवेश ने फुल लेंथ गेंदबाजी की और पथुम निसांका (01) और चरिथ असालंका (04) को पवेलियन भेजा। भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन की खास बात यह रही कि उप कप्तान जसप्रीत बुमराह, अनुभवी भुवनेश्वर कुमार और पहली पसंद के कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल को इस मैच में ब्रेक दिया गया।
साथ ही इस श्रृंखला में विराट कोहली, ऋषभ पंत और लोकेश राहुल नहीं खेल रहे हैं। सूर्यकुमार यादव, दीपक चाहर और अब इशान किशन चोटिल हैं जबकि शार्दुल ठाकुर को आराम दिया गया है। फिर भी एक टेस्ट विशेषज्ञ जैसे सिराज और आवेश या हर्षल पटेल (29 रन देकर एक विकेट) टी20 विश्व कप से आठ महीने पहले चयन के लिए खुद को साबित करने में लगे हैं।