ये हैं टीम इंडिया की जीत की बड़ी बातें

मंगलवार, 1 सितम्बर 2015 (15:54 IST)
भारतीय टीम ने 22 साल के लंबे अंतराल के बाद श्रीलंका को उसी की सरजमीं पर पटखनी दी है। यह एक बेहतरीन जीत है और लंबे समय से विदेशी धरती पर हार के थपेड़ों से हैरान परेशान हो चुकी भारतीय टीम के लिए यह जीत राहत जरूर लाई है।
दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी को छोड़ दें तो पूरी टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का दबदबा रहा। इस टेस्ट सीरीज में  कुछ चीजें ऐसी भी देखने को मिली जो 22 साल पहले श्रीलंका दौरे पर आई अजहरुद्दीन की टीम में देखने को मिली थीं।

भारतीय टीम ने पांच गेंदबाजों की रणनीति को खूब भुनाया। टीम में पांचवा गेंदबाज ऑलराउंडर के रूप में शामिल किया गया। जिसने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को संतुलित कर दिया।   
 
कप्तान विराट कोहली पूरी सीरीज में एक सशक्त कप्तान की भूमिका में नजर आए। आमतौर पर मैदान में अपना गुस्सा  जाहिर करने वाले कोहली अब धैर्य से काम लेना भी सीख रहे हैं। शायद अब उन पर कप्तानी का रंग चढ़ रहा है।
 
कोहली ने इस जीत के साथ ही कप्तानी की पहली परीक्षा पास कर ली है। सीरीज के शुरुआत में ही भारत के चोटी के  क्रिकेटरों(धवन, विजय) के चोटिल होने से उनके रिप्लेसमेंट की गंभीर समस्या आ गई थी।

लेकिन इनके चोटिल  होने से भारतीय टीम को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि के एल राहुल और पुजारा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों ने टीम  को उनकी कमी नहीं खलने दी और बेहतरीन बल्लेबाजी की।

राहुल ने दूसरे टेस्ट में जहां विपरीत परिस्थितियों में  शतक लगाकर भारतीय पारी को संभाला वहीं पुजारा ने तीसरे टेस्ट मैच में वही काम किया।    
 
टीम में रोहित शर्मा और आजिंक्य रहाणे के आ जाने से चेतेश्वर पुजारा की टीम में जगह नहीं बन पा रही थी। लेकिन जैसे ही तीसरे टेस्ट मैच में उनकी वापसी हुई उन्होंने दिखा दिया कि वे घुमती हुई पिचों पर सबसे बढ़िया  बल्लेबाजी कर सकते हैं। पुजारा ने पहली पारी में बिना आउट हुए 145 रन बनाए।            
 
इस टेस्ट सीरीज में भारतीय गेंदबाजी ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। चाहे तेज गेंदबाज हो या स्पिन गेंदबाज हर  किसी ने अपनी उपयोगिता का बखूबी इस्तेमाल किया और समय-समय पर ब्रेकथ्रू दिलाकर श्रीलंकाई बल्लेबाजी को  नेस्तनाबूत करने में एक अहम भूमिका निभाई।
 
स्पिन पिचों पर जहां अश्विन और मिश्रा ने जलवा दिखाया वहीं तेज पिचों पर ईशांत और उमेश ने जलवा दिखाया। भारतीय टीम की यह जीत इस मामले में भी महत्वपू्र्ण है क्योंकि श्रीलंका को उसी सरजमीं पर हराना बेहद मुश्किल रहा है। ऐसे में डाउनफॉल से गुजर रही भारतीय टीम को मिली यह जीत ढाढस तो बंधाएगी ही।

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