एशिया कप ट्रॉफी और पदकों की स्थिति पर बहुप्रतीक्षित फैसला, जो रविवार को फाइनल के बाद विजयी भारतीय टीम को नहीं दिए गए थे, टाल दिया गया है। एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के सदस्यों ने मंगलवार (30 सितंबर) दोपहर दुबई में बैठक की और इसे एसीसी के पांच टेस्ट खेलने वाले देशों पर छोड़ दिया।
प्रभावी रूप से, ट्रॉफी को लेकर गतिरोध को सुलझाने की ज़िम्मेदारी अब भारत, पाकिस्तान, अफग़ानिस्तान, श्रीलंका और बंगलादेश पर छोड़ दी गई है। ट्रॉफी को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख मोहसिन नकवी ने छीन लिया था, जब भारतीय खिलाड़ियों ने रविवार रात दुबई अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में उनसे इसे लेने से इनकार कर दिया था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), बंगलादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी), श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के सदस्य, पीसीबी के अलावा, ट्रॉफी पर समाधान निकालने के लिए आपस में एक औपचारिक बैठक करेंगे, जिसके बारे में बीसीसीआई पहले ही आईसीसी स्तर पर बात उठाने की कसम खा चुका है। उन्हें बैठक ऑफलाइन आयोजित करने के लिए कहा गया है।एसीसी बैठक की अध्यक्षता नकवी ने की और राजीव शुक्ला तथा आशीष शेलार भारतीय प्रतिनिधि थे जिन्होंने बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। एजेंडे में दो अन्य मुद्दे भी थे - उपाध्यक्ष का चुनाव और उभरते खिलाड़ियों, अंडर-19 टूर्नामेंट जैसे अन्य एसीसी आयोजनों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देना। बैठक के दौरान इनमें से किसी पर भी चर्चा नहीं हुई।
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BCCI ने ACC AGM में एशिया कप ट्रॉफी विवाद पर कड़ा ऐतराज जताया
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में भारत को एशिया कप की विजेता ट्रॉफी प्रदान न किए जाने पर कड़ा ऐतराज़ जताया, लेकिन एसीसी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी अपने रुख पर बरकरार हैं।भारत को रविवार को ट्रॉफी नहीं दी गई थी क्योंकि भारतीय टीम ने पाकिस्तान सरकार में मंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था।
इस एजीएम में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेलार ने किया।एशिया कप की ट्रॉफी एसीसी के कार्यालय में ही रखी हुई है और यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि इसे विजेता टीम के पास कब तक पहुंचाया जाएगा।एसीसी के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ट्रॉफी न सौंपे जाने और मैच के बाद पुरस्कार समारोह के दौरान एसीसी अध्यक्ष (नकवी) द्वारा किए गए कारनामों पर भारत ने आज की बैठक में कड़ा ऐतराज जताया।सूत्र ने आगे कहा, शुक्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंपी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और किसी एक व्यक्ति की नहीं है।
उन्होंने बताया कि नकवी हालांकि अब भी ट्रॉफी देने पर सहमत नहीं हुए हैं।सूत्र कहा, शुक्ला और शेलार ने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रॉफी विजेता टीम को सौंप दी जानी चाहिए। यह एसीसी की ट्रॉफी है और किसी एक व्यक्ति की नहीं है। नकवी ने इससे मना नहीं किया, लेकिन वह ज़िम्मेदारी टाल रहे थे।उन्होंने कहा, नकवी इस बात पर अड़े रहे कि इस मामले पर एजीएम में चर्चा नहीं होनी चाहिए और इसे किसी और समय अलग से उठाया जाना चाहिए। बैठक का एकमात्र एजेंडा उपाध्यक्ष का चुनाव करना था, लेकिन उसे भी टाल दिया गया।
यह पता चला है कि नकवी ने एशिया कप जीतने के लिए बीसीसीआई सदस्यों को बधाई नहीं दी लेकिन शेलार द्वारा जोर दिए जाने पर उन्हें सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व वाली अजेय टीम की औपचारिक रूप से प्रशंसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।सूत्र ने कहा, जब बैठक शुरू हुई, तो अध्यक्ष (नकवी) ने अपनी संक्षिप्त शुरुआती टिप्पणी में वेस्टइंडीज के खिलाफ नेपाल को जीतने और एसीसी सदस्य बनने के लिए मंगोलिया को बधाई देकर अपनी बात समाप्त कर दी।
उन्होंने कहा, तभी शेलार ने यह सवाल उठाया कि आप एशिया कप खिताब के लिए भारत को बधाई क्यों नहीं दे रहे हैं? उन्होंने नकवी को बधाई देने के लिए मज़बूर किया और पीसीबी प्रमुख सहमत हुए और विधिवत बधाई दी।
बीसीसीआई अब इस मामले को आईसीसी के पास ले जाएगा, जिसकी बैठक नवंबर में होनी है।सूत्र ने कहा, शुक्ला और शेलार ने तर्क दिया कि एसीसी को ट्रॉफी कार्यालय में रखनी चाहिए और बीसीसीआई उसे वहां से एकत्र करवा लेगा। उन्होंने कहा, हम वैध विजेता के रूप में ट्रॉफी चाहते हैं।' नकवी इसके लिए मना नहीं कर रहे थे, लेकिन साथ ही ज़िम्मेदारी भी टाल रहे थे।
सूत्र ने कहा, यह स्पष्ट कर दिया गया था कि बीसीसीआई आईसीसी से शिकायत करेगा और शेलार संक्षेप में बैठक छोड़कर चले गए।सूत्र ने यह भी बताया कि नकवी ने कहा कि वह विजयी भारतीय टीम का मंच पर इंतज़ार करते समय एक कार्टून जैसा महसूस कर रहे थे और शर्मिंदा थे।
दोनों टीमों ने टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ तीन बार खेला और फाइनल सहित हर बार भारत जीता। इस आयोजन के दौरान भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हाथ न मिलाने की नीति अपनाई, जिससे पीसीबी नाराज हो गया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच शत्रुता चरम पर है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों को गोली मार दी थी। भारत ने इसके बाद सीमा पार आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत सैन्य कार्रवाई शुरू की थी।