नागपुर टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका पर भारत की बड़ी जीत
शुक्रवार, 27 नवंबर 2015 (13:00 IST)
नागपुर। भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को नागपुर में टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में 124 रनों से परास्त कर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त ले ली। सीरीज का चौथा और अंतिम टेस्ट तीन दिसंबर से दिल्ली में खेला जाएगा।
नागपुर टेस्ट में भारतीय स्पिन गेंदबाजों का बोलबाला रहा और उन्होंने टेस्ट ढाई दिन में ही खेल समाप्त कर दिया। आर अश्विन ने दूसरी पारी में 66 रन देकर सात विकेट झटके। अश्विन ने मैच में कुल 12 विकेट लिए।
मैच की शुरुआत से ही भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने अपना ऐसा जलवा दिखाया कि मेहमान टीम अंत तक भारत के स्पिन जाल से निकल नहीं पाई और उसके सभी बल्लेबाजों ने अश्विन एंड कंपनी के सामने घुटने टेक दिए।
दक्षिण अफ्रीका को मैच जीतने के लिए 310 रनों का लक्ष्य मिला था, लेकिन उसकी पूरी टीम 185 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए। इस तरह भारत ने यह मैच 124 रनों से जीत लिया। अमित मिश्रा ने दूसरी पारी में तीन विकेट लिए।
अंतिम स्कोर इस प्रकार रहा। भारत 215 और 173 दक्षिण अफ्रीका 79 और 185
दक्षिण अफ्रीका ने दो विकेट पर 32 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 278 रन और बनाने थे। पहले तीन ओवर में कोई हलचल नहीं हुई लेकिन इसके बाद एल्गर ने अश्विन को छक्का लगाया। अश्विन ने इसके बाद उसे सिली प्वाइंट पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों लपकवाया। बल्लेबाज कुछ देर क्रीज पर खड़ा रहा लेकिन बाद में मायूसी के साथ पवेलियन लौट गया। इसके बाद डिविलियर्स क्रीज पर आए और आते ही जडेजा को चौका लगाया।
अश्विन के अगले ओवर में काफी ड्रामा देखने को मिला। डिविलियर्स क्रीज से बाहर निकले लेकिन स्टम्पिंग से बच गए चूंकि उन्होंने हाकी गोलकीपर की तरह अपने पैड से गेंद को रोक दिया था। अश्विन ने कैरम बाल पर उन्हें आउट किया। चायकाल के बाद अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका की पारी को उखाड़ फेंका।
लंच के समय उसे जीत के लिये 205 रन और बनाने हैं जबकि उसके छ: विकेट बाकी हैं। कप्तान हाशिम अमला 93 गेंद में 28 और फाफ डु प्लेसिस 66 गेंद में 22 रन बनाकर खेल रहे हैं। दोनों ने पांचवें विकेट की साझेदारी में 131 गेंद पर 47 रन बना लिए हैं। अश्विन ने सुबह डीन एल्गर (18) और डिविलियर्स (9) को आउट किया। पहले स्पैल में उसने पांच ओवर में 15 रन देकर दो विकेट लिए। अमला और डु प्लेसिस भी पवेलियन में होते लेकिन भारतीय फील्डरों ने उन्हें जीवनदान दिया। डु प्लेसिस ने रविंद्र जडेजा को छक्का भी जड़ा।