'वंडर ब्वॉय' पृथ्‍वी शॉ ने रचा इतिहास, राजकोट टेस्ट में टीम इंडिया मजबूत स्थिति में

गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018 (17:08 IST)
राजकोट। वंडर ब्वाय पृथ्वी शॉ (134) के 18 साल की उम्र में रिकार्डतोड़ ऐतिहासिक शतक और उनकी चेतेश्वर पुजारा (86) के साथ दूसरे विकेट के लिए 206 रन की बेहतरीन साझेदारी के दम पर भारत ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को चार विकेट पर 364 रन का मजबूत स्कोर बना दिया।
 
पहले टेस्ट का पहला दिन पूरी तरह मुंबई के 18 साल के युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी के नाम रहा जिन्होंने अपने पदार्पण टेस्ट में न केवल शतक बनाया बल्कि कई रिकार्ड भी अपने नाम किए। उन्होंने 154 गेंदों पर 134 रन की बेहतरीन पारी में 19 चौके लगाए। वह पदार्पण टेस्ट में शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय और ओवरऑल 15वें भारतीय बल्लेबाज़ बन गए।
 
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सुबह टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पृथ्वी को पदार्पण कैप सौंपी। पृथ्वी ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और यादगार शतक बनाया और उन्होंने इस शतक के साथ साबित किया कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं।
 
पृथ्वी के शॉट में गज़ब की ताकत थी, उनके कट बेहद खूबसूरत थे और फ्लिक बुलेट की गति से सीमा रेखा के पार जाते रहे। उन्होंने अपने 50 रन 56 गेंदों में सात चौकों की मदद से और 100 रन 99 गेंदों में 15 चौकों की मदद से पूरे किए। वह इसके साथ ही सबसे तेज़ शतक बनाने वाले तीसरे बल्लेबाज़ बन गए।
 
पुजारा ने 130 गेंदों में 14 चौकों की मदद से 86 रन और उपकप्तान अजिंक्या रहाणे ने 92 गेंदों में पांच चौकों के सहारे 41 रन बनाए। कप्तान विराट कोहली स्टम्प्स के समय 137 गेंदों में चार चौकों की मदद से धैर्यपूर्ण 72 और विकेटकीपर ऋषभ पंत 17 रन बनाकर क्रीज पर थे। 
 
भारत ने हालांकि खराब शुरुआत की और ओपनर लोकेश राहुल को पहले ही ओवर की छठी गेंद पर गंवा दिया। शैनन गैबरिएल ने राहुल को पगबाधा आउट किया और वह अपना खाता भी नहीं खोल सके। राहुल ने इंग्लैंड में अपनी आखिरी पारी में 149 रन बनाए थे और यहां उनकी शुरुआत शून्य से हुई। पिछली चार पारियों में राहुल का यह दूसरा शून्य और ओवरऑल पांचवां शून्य था।
 
मैदान पर उतरे पुजारा ने जमकर खेलते हुए न केवल अपने युवा साथी का उत्साह बढ़ाया बल्कि भारत के स्कोर को गति भी दी। खुद पृथ्वी तेजी के साथ खेल रहे थे और भारत ने लंच तक 25 ओवर में ही 133 रन ठोक डाले जिसमें पृथ्वी का योगदान 75 और पुजारा का 56 था।
 
लंच के बाद इस युवा बल्लेबाज़ ने अपना शतक पूरा कर इतिहास रच दिया। पृथ्वी ने जैसे ही शतक पूरा किया उन्होंने ईश्वर को धन्यवाद कर इसका जश्न मनाया। पुजारा ने आगे आकर इस युवा बल्लेबाज़ की पीठ थपथपाई और पूरे भारतीय ड्रैसिंग रूम ने तालियां बजाकर पृथ्वी को इस शानदार उपलब्धि के लिए शाबाशी दी।
 
पुजारा अपने 16वें शतक के करीब पहुंच रहे थे लेकिन पदार्पण टेस्ट खेल रहे 22 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ शर्मन लुईस ने पुजारा को विकेट के पीछे कैच करा दिया। पुजारा ने अपने 50 रन 67 गेंदों में पूरे किये और वह 86 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए। भारत ने चायकाल से ठीक पहले पृथ्वी का विकेट भी गंवा दिया। 
 
पृथ्वी का विकेट 232 के स्कोर पर गिरा। लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू ने अपनी ही गेंद पर पृथ्वी का कैच लपक लिया। पृथ्वी जब पवेलियन लौट रहे थे तो स्टेडियम में मौजूद तमाम दर्शकों ने इस युवा बल्लेबाज़ का अभिवादन किया। पृथ्वी के आउट होते ही चायकाल भी हो गया। 
 
चायकाल के बाद विराट और रहाणे ने चौथे विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी की। रहाणे को रोस्टन चेज़ ने विकेटकीपर शेन डाउरिच के हाथों कैच कराया। रहाणे अपने अर्धशतक से नौ रन दूर रह गये। लेकिन विराट ने फिर पंत के साथ भारत को कोई और नुकसान नहीं होने दिया। 
 
विराट ने अपने 50 रन धीमे अंदाज़ में 100 गेंदों में दो चौकों के सहारे पूरे किए। पंत ने 21 गेंदों में एक चौका और एक छक्का लगाया है। विराट अपने 24वें शतक की ओर बढ़ रहे हैं। वेस्टइंडीज़ के लिए गैबरिएल, लुईस, बिशू और चेज़ ने एक-एक विकेट लिया। (वार्ता) 

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