भारत को अगला टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी में खेलना है और साहा के पास फिट होने के लिए पूरा समय है। कोलकाता में हुए दिन-रात के टेस्ट के बारे में साहा ने कहा कि दृश्यता का मसला था, क्योंकि सर्दी के मौसम के कारण धुंध थी। उन्होंने कहा कि मैच गर्मी में होता तो ऐसा नहीं होता। साइट स्क्रीन चमकदार होती तो साफ दिखाई देता। गुलाबी गेंद निश्चित तौर पर चुनौतीपूर्ण थी।
साहा ने कहा कि दिन-रात का टेस्ट अपवाद हो सकता है लेकिन नियमित तौर पर नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अधिकतम मैच लाल गेंद से ही होने चाहिए। बीच में एकाध मैच गुलाबी गेंद से हो सकता है, फैसला लेकिन बीसीसीआई को लेना है।