रानी शर्मा ने कहा कि उनकी एसोसिएशन का गठन 1973 में पहले वर्ल्ड कप के आयोजन वर्ष में किया गया था और 5 साल बाद उसे मान्यता मिलते ही भारत ने पहले वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी। तब उन्होंने महिला क्रिकेटरों के लिए एक बड़ा सपना देखा था, वह अब मंगलवार को होने वाले नुमाइशी मैच के जरिए पूरा होता दिखाई दे रहा है। जरूरत महिला क्रिकेटरों को लगातार एक्सपोजर देने की है और वे देशभर की छात्र खिलाड़ियों को लगातार खेलने का अवसर देने में पीछे नहीं रहेंगी।
उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट के आयोजन की घोषणा जल्द ही की जाएगी। उन्होंने देश में महिला क्रिकेटरों की बढ़ती संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस साल के शुरू में उनकी एसोसिएशन से जुड़ी खिलाड़ियों की संख्या तकरीबन 3,500 थी, जो इस साल के अंत तक 10 हजार तक पहुंचने की उम्मीद है। (वार्ता)