अदालत ने याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाते हुए कहा कि उसने सिर्फ प्रचार पाने के लिए यह याचिका दायर की है। याचिका में खेल को गैरकानूनी बताते हुए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बोली लगाने/नीलामी/बिक्री करने की प्रक्रिया को रद्द या अमान्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।