क्या है पूरा मामला
2013 में आईपीएल के छठे संस्करण में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेल रहे श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को स्पॉट फिक्सिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में पटियाला हाउस कोर्ट ने जुलाई 2015 में श्रीसंत समेत सभी 36 आरोपियों को आरोपों से बरी कर दिया था।
बीसीसीआई ने लगाया था आजीवन प्रतिबंध
पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भी बीसीसीआई ने आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए जाने पर श्रीसंत के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें क्रिकेट गतिविधियों से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। यही कारण है कि श्रीसंत की दोबारा क्रिकेट में वापसी नहीं हो पाई है।
श्रीसंत ने इंग्लिश काउंटी में खेलने की मांगी थी अनुमति
बीसीसीआई ने भले ही श्रीसंत पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन जनवरी 2017 में उन्होंने बीसीसीआई से स्कॉटलैंड के ग्लेनरोथ्स क्रिकेट क्लब के लिए खेलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन बोर्ड के इससे इंकार के बाद उन्होंने 28 फरवरी 2017 को अदालत में भारतीय बोर्ड के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर दी थी।
अदालत के चक्कर काटता रहा 'बैन'
जब बीसीसीआई ने श्रीसंत पर से आजीवन खेलने का बैन नहीं हटाया तो उन्होंने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। केरल हाईकोर्ट ने श्रीसंत की याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 अगस्त 2013 को श्रीसंत पर लगे बैन को हटा दिया। बीसीसीआई ने इस फैसले को चुनौती दी। इसके पश्चात केरल की डिवीजन बेंच ने प्रतिबंध जारी रखा।