हो सकती है स्मिथ, वॉर्नर की आईपीएल में वापसी, एसीए कर रहा है कोशिश

बॉल टैम्परिंग विवाद के बाद स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बेनक्रॉफ्ट पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बैन लगाया। स्मिथ और वॉर्नर पर एक एक साल का बैन लगाया गया, जबकि बेनक्रॉप्ट पर 9 महीने का बैन लगा। क्रिकेट की दुनिया के दिग्गज खिलाड़ियों की तरह ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर्स एसोसिएशन (एसीए) को भी लगता है कि यह सज़ा बहुत अधिक है। एसीए ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से मांग की है कि बॉल टैम्परिंग विवाद के बाद दी गई सज़ा पर एक बार फिर विचार किया जाए। इस मामले में एसीए अब बैन लगाए गए खिलाड़ियों के समर्थन में उतर आया है। 
 
एसीए के अध्यक्ष ग्रेग डायर ने कहा कि इन खिलाड़ियों ने व्यथित चेहरों ने दुनिया भर में वह संदेश दिया है जो किसी भी तरह के तगड़े बैन से भी नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस पतन को एसीए द्वारा किसी अन्य प्रक्रिया की तरह ही जाना चाहिए।  
 
एसीए अध्यक्ष ने केपटाउन टेस्ट के दौरान स्मिथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रेस कान्फ्रेंस जल्दबाजी में करवाई गई। खिलाड़ी दबाव में थे, यह कोई बहाना नहीं है, लेकिन वे दबाव से जूझ रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें उन कारणों पर पर भी गौर करना चाहिए जिनसे केपटाउन में यह घटना घटी। 
 
डायर ने कहा कि एक निष्पक्ष व्यक्ति या समूह से इस मामले में जांच करवानी चाहिए कि फील्ड में ऐसे माहौल कैसे पैदा हो जाता है कि हर कीमत पर जीत ही चाहिए। हम जीतने के प्रयास में कहीं खेल भावना को तो प्रभावित नहीं कर रहे हैं। एसीए के इस तरह समर्थन में आ जाने से और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को बैन पर एक बार फिर विचार करने से स्मिथ वॉर्नर और बेक्राप्ट को कुछ राहत मिल सकती है। वैसे पिछले दिनों क्रिकेट की दुनिया के कई दिग्गजों ने इन खिलाड़ियों की सज़ा को कठोर माना और ने हमदर्दी जताई।
 
अगर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपना बैन बीच में ही समाप्त कर देता है या उसे कम कर देता है इन खिलाड़ियों की वापसी हो सकती है और ये आईपीएल में भी खेलते हुए दिखाई दे सकते हैं। आईसीसी इस मामले में आवश्यक कार्रवाई पूरी कर चुका है और उसने इन खिलाड़ियों को एक मैच का बैन और मैच फीस में कटौती की सज़ा भी दे दी है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से हालांकि अभी बैन हटाने या कम करने के कोई संकेत नहीं आए हैं, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं स्मिथ, वॉर्नर और बैनक्राप्ट के समर्थन में आवाज़ें बुलंद होने लगी हैं।

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