फाइनल की बात करते हुए भावुक हुए रोहित, टी20 वर्ल्ड कप खेलने के दिए संकेत [WATCH]

बुधवार, 13 दिसंबर 2023 (16:18 IST)
Rohit Sharma got emotional : रोहित शर्मा को पता नहीं था कि विश्व कप फाइनल (IND vs AUS World Cup Final) में मिली हार की निराशा से वह कभी उबर सकेंगे या नहीं लेकिन अब प्रशंसकों के प्यार और समझदारी ने उन्हें एक बार फिर शिखर पर पहुंचने का प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है। 
 
 रोहित ने यह नहीं बताया कि वह किस शिखर की बात कर रहे हैं लेकिन समझा जाता है कि वह अगले साल अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले T-20 World Cup में भारत की कप्तानी के बारे में सोच रहे हैं ।
 
फाइनल तक Rohit Sharma के लिए बतौर बल्लेबाज और कप्तान विश्व कप का सफर शानदार रहा लेकिन 19 नवंबर को फाइनल में आस्ट्रेलिया ने भारत को हराया । फाइनल की हार के बाद रोहित मैदान से निकले तो उनकी आंखें भरी हुई थी । वह इस दर्द को भुलाने के लिए ब्रेक पर इंग्लैंड चले गए थे । 
 
रोहित ने इंस्टाग्राम पर अपने फैन पेज पर लिखा ,‘‘पहले कुछ दिन तो मुझे समझ ही नहीं आया कि इससे कैसे उभरूंगा । मेरे परिवार और दोस्तों ने मेरा हौसला बनाए रखा । हार को पचाना आसान नहीं था लेकिन जिंदगी चलती रहती है और आगे बढना आसान नहीं था।’’
 
उन्होंने टीम के शानदार प्रदर्शन को समझने और सराहने वाले प्रशंसकों की तारीफ की।  उन्होंने कहा ,‘‘ लोग मेरे पास आकर कहते थे कि उन्हें टीम पर गर्व है । मुझे बहुत अच्छा लगता था । उनके साथ मैं भी दर्द से उभरता गया । मैने सोचा कि आप यही तो सुनना चाहते हैं ।’’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ लोग जब समझते हैं कि खिलाड़ियों पर क्या बीत रही होगी और वे अपनी हताशा या गुस्सा नहीं निकालते हैं तो यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है । मेरे लिए तो इसके बहुत मायने हैं क्योंकि लोगों में गुस्सा नहीं था । जब भी मिले, उन्होंने प्यार ही बरसाया ।’
उन्होंने कहा ,‘‘ इससे वापसी करने और नये सिरे से आगाज करने की प्रेरणा मिली । एक बार फिर शिखर पर पहुंचने की कोशिश करनी है ।’’
 
रोहित ने कहा ,‘‘ पूरे विश्व कप के दौरान हमें दर्शकों का जबर्दस्त समर्थन मिला । मैदान के भीतर भी और जो घरों में देख रहे थे, उनसे भी । मैं इसकी सराहना करता हूं । लेकिन जितना ज्यादा विश्व कप के बारे में सोचता हूं, दुख होता है कि हम जीत नहीं सके ।’’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं 50 ओवरों का विश्व कप देखकर बड़ा हुआ । मेरे लिए यह सबसे बड़ा ईनाम है । हमने इसके लिए कितनी मेहनत की और नहीं जीत पाने पर निराशा तो होगी ही । कई बार हताशा भी होती है क्योंकि जिसके लिए मेहनत कर रहे थे , जिसका सपना देख रहे थे , वह नहीं मिला ।’’(भाषा)

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