इस‍ क्रिकेटर दादाजी कभी थे करोड़पति, आज कट रही है मुफलिसी में जिंदगी

सोमवार, 3 जुलाई 2017 (20:40 IST)
किच्छा (उत्तराखंड)। यह विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज करोड़पति जसप्रीत बुमराह के दादा यहां एक छोटे से कस्बे में किराए के टूटे-फूटे कमरे में रहकर मुफलिसी में जिंदगी बिता रहे हैं।
 
इंसान की किस्मत का कोई भरोसा नहीं, अन्यथा कभी अहमदाबाद के बड़े उद्योगपतियों में शुमार संतोख सिंह बुमराह करोड़पति से आज रोटी रोज़ी के लिए मोहताज़ न हुए होते।
 
संतोख सिंह आजकल बुढ़ापे में अपने पोलियोग्रस्त छोटे बेटे जसविंदर सिंह के साथ उधम सिंह नगर जिले के इस छोटे से कस्बे में किराए के टूटे-फूटे कमरे में रह रहे हैं और टैम्पू चलवाकर कर अपना और पिता का  भरण पोषण कर रहे हैं।
 
कभी गुजरात के अहमदाबाद मे बटवा इंडस्ट्रियल स्टेट में संतोख सिंह का जलवा था और वह मंहगी कारों और हवाई जहाज में सफर किया करते थे। अहमदाबाद में उनकी तीन फैक्ट्रियां, जेके इंडस्ट्रीज़, जेके मशीनरी इकोमेंट प्राइवेट लिमिटेड और जेके इकोमेंट थीं। इसके अलावा उनकी दो सिस्टर कंसर्न गुरुनानक इंजीनियरिंग वर्क्स और अजीत फैब्रीकेटर भी थीं।
 
सारा कारोबार क्रिकेटर जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह संभालते थे। वर्ष 2001 में बेटे की बीमारी से मौत से संतोख सिंह टूट गए और फैक्ट्रियां भी आर्थिक संकट से घिर गई। बैंकों का कर्जा निपटाने के लिए उन्हें तीनों फेक्ट्रियों को बेचनी पड़ी और करोड़पति संतोख सिंह खाकपति हो गए। अपने सुनहरे दिनों की याद करते करते संतोख सिंह की बूढ़ी आँखों में आंसू छलक आते हैं।
 
हालांकि ज़िन्दगी की आखिरी दहलीज़ पर पहुंचे 84 साल के बुज़ुर्ग संतोख सिंह को अपनी मुफलिसी ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं है और वह इसे कुदरत का खेल मानते है।
 
आज उनका पोता आज देश का बड़ा क्रिकेटर बन गया है और जब वह अपने पोते जसप्रीत को टीवी पर तेज़ गेंदबाज़ी करते देखते है तो उनमें जवानी का जोश भर जाता है। उन्होंने उन्होंने कहा, 'कभी गोदी में खेलता उनका पोता आज देश के लिए खेल रहा है और वह क्रिकेट का चमकता सितारा बन गया है। 
 
संतोख सिंह ने जसप्रीत के बचपन की फोटो बहुत सहेज कर रखी है और वह उससे मिलना चाहते हैं। संतोख सिंह का कहना है कि जीवन के आखिरी पड़ाव में उनकी तमन्ना अपने पोते को गले लगाकर उसे प्यार करने की है और वह उसे छूकर आशीर्वाद देना चाहते है। उन्होंने कहा कि अगर यह सच हो गया तो यही उनकी ज़िन्दगी का सबसे बेहतरीन पल होगा। मीडिया के माध्यम से मिलने का मार्मिक सन्देश वह अपने पोते तक पहुँचाना चाहते है।
 
संतोख सिंह ने कहा कि उनकी आखिरी ख्वाहिश अपने पोते क्रिकेटर  जसप्रीत से मिलने की है चाहे इसके बाद भले ही मौत उन्हें गले लगा ले। उन्होंने कहा, अब वाहे गुरु मेरी अंतिम इच्छा पूरी कब करते है। मैं उसका इंतज़ार कर रहा हूँ। 
 
इस बीच, क्रिकेटर जसप्रीत के दादा की माली हालात की जानकारी मिलने पर उपजिलाधिकारी नरेश दुर्गापाल ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और उन्हें आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया। दुर्गापाल ने कहा कि इस मामले में सत्यापन कराया जा रहा है, जिसके बाद उन्हें मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से भी मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा। (भाषा)

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