अरूण ने कहा कि बुमराह अपने अलग से गेंदबाजी एक्शन की वजह से काफी विशेष बन गया है। शायद बल्लेबाज उसकी गेंदों को थोड़ी देर से पकड़ पाते हैं जिससे वह काफी कारगर बन जाता है। निश्चित रूप से किसी भी तेज गेंदबाज को लगातार 145 किमी प्रति घंटे से या इससे ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करने के लिए हाथों से काफी तेज से गेंद निकालनी पड़ती है।
उन्होंने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'बुमराह अपने गेंदबाजी एक्शन की वजह से टेस्ट में शुरुआत करने से पहले ही काफी अच्छा कर रहा था, हमें उस पर पूरा भरोसा था और उसकी गेंदों का सामना करने वाले ज्यादातर बल्लेबाजों ने कहा कि उसकी गेंदें समझना काफी मुश्किल था।'
उन्होंने कहा, 'मुझे बुमराह के साथ तब काम करने का मौका मिला जब वह अंडर-19 स्तर पर खेलता था, तब मैं एनसीए में था। मुझे लगा कि बुमराह अपने एक्शन से काफी तेज गेंदबाजी कर सकता है लेकिन इससे उसके शरीर पर असर पड़ता है। यह चुनौती थी और हमने इसके लिए फिजियो व ट्रेनर से चर्चा की थी। इसके बाद हमें लगा कि हमें उसे मजबूत बनाये रखने के लिये उस पर काम करना होगा।' (भाषा)