Border Gavaskar Trophy IND vs AUS : कप्तान जसप्रीत बुमराह पदार्पण कर रहे हर्षित राणा (Harshit Rana) और नितीश कुमार रेड्डी (Nitish Kumar Reddy) के निडर रवैये और परिपक्वता से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि उन्हें कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि ये दोनों युवा खिलाड़ी पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे हैं।
पर्थ में पहले टेस्ट से पहले उनके चयन को लेकर सवाल उठ रहे थे लेकिन उन्होंने संदेह करने वालों को चुप करा दिया और भारत की ऑस्ट्रेलिया पर 295 रन की विशाल जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
बुमराह ने सोमवार को मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, जब उन्होंने पदार्पण किया तो सबसे बड़ी सकारात्मक बात यह थी कि वे बिल्कुल भी नर्वस नहीं थे। ऐसा नहीं लगा कि वे ऑस्ट्रेलिया में पहली बार खेल रहे हैं या यह उनका पहला मैच था।
राणा ने पहली पारी में शानदार गेंद पर ट्रेविस हेड (Travis Head) का महत्वपूर्ण विकेट हासिल किया और अनुभवी मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) पर टिप्पणी करने से भी पीछे नहीं हटे जबकि IPL 2024 में दोनों कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) में एक साथ खेले थे।
इसके अलावा रेड्डी ने दोनों पारियों में 41 और 38 रन का उपायेगी योगदान भी दिया।
We have criticised Gautam Gambhir for the series loss but Harshit Rana, Nitish Kumar Reddy and Washington Sundar could never happen to Indian test cricket if he was not there.
बुमराह ने कहा, अगर आप डरे हुए हैं तो आपका डर दूर नहीं होगा। इसलिए यह मेरे लिए बहुत सकारात्मक संकेत है कि वे डरे हुए नहीं हैं और उनमें सीखने की बहुत इच्छा है।
उन्होंने कहा, उन्होंने बहुत अच्छी शुरुआत की है और उम्मीद है कि वे भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
इस तेज गेंदबाज ने कहा कि दोनों युवा खिलाड़ियों को जब पदार्पण की सूचना मिली तो वह जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार थे।
इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला टेस्ट खेल रहे यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने 161 रन की पारी खेली और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। बुमराह ने कहा कि यह जायसवाल के करियर की अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारी है।
उन्होंने कहा, अगर मुझे मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनना होगा तो मैं जायसवाल को चुनूंगा। मुझे लगता है कि यह उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ टेसट पारी है क्योंकि आपको पता है कि वह आक्रामक होकर खेलता है। लेकिन दूसरी पारी में उसने काफी गेंद छोड़ी, समय लिया और क्रीज में पीछे हटकर बल्लेबाजी की। इससे काफी आत्मविश्वास मिलता है।
उन्होंने कहा, उसने दिखाया कि उसमें संयम भी है और वह सामंजस्य बैठाने और बदलाव के लिए तैयार है। यह भारतीय क्रिकेट के लिए शानदार संकेत है कि एक बल्लेबाज अपने करियर में इतनी जल्दी सामंजस्य बैठाने को तैयार है।
बुमराह सलामी बल्लेबाज के रूप में लोकेश राहुल (KL Rahul) की भूमिका को भी नहीं भूले। दाएं हाथ के इस बल्लेबाजी ने पहली पारी में विवादास्पद फैसले में पवेलियन लौटने से पहले 74 गेंद में 26 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में 176 गेंद में 77 रन की पारी खेली और जायसवाल के साथ पहले विकेट के लिए 201 रन जोड़े।
उन्होंने कहा, पहली पारी में वह अच्छी तरह से जम गया था, बहुत आश्वस्त दिख रहा था और दूसरी पारी में उसने मंच तैयार कर दिया। मैं बहुत खुश हूं। वह बहुत शांत दिख रहा था।
बुमराह ने कहा, वह काफी आत्मविश्वास से भरा दिख रहा था और दूसरी पारी में उसने अपने शॉट खेले। यह एक आदर्श टेस्ट पारी थी। (भाषा)