जो रूट की जिद से खुद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर जैसे केविन पीटरसन और मोंटी पनेसर ही खफा थे। जो रूट के दोहरे शतक के बाद इंग्लैंड के बल्लेबाज धीमा खेलने लगे, ऐसा लग रहा था कि उन्हें भारत के सलामी बल्लेबाजों को गेंदबाजी करवाने की कोई जल्दी नहीं है।
यह सिर्फ पहली नहीं दूसरी पारी की भी कहानी रही। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर्स और फैंस कयास लगाए जा रहे थे कि जो रूट अब पारी घोषित करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।यही नहीं उनके पास भारत को फॉलोऑन खिलाने का भी मौका था पर कहीं चौथी पारी में 100 रन भी न बनाने पड़ जाए इसलिए उन्होंने तीसरी पारी में बल्लेबाजी करना बेहतर समझा।
दरअसल उनकी अति रक्षात्मक रणनीति से यह हुआ कि कोहली एंड कंपनी को भी यह लगा कि इंग्लैंड ड्रॉ करवाने के लिए ही खेल रही है, जिससे उन्होंने टीम को हल्के में लिया। यह करना टीम को पांचवे दिन भारी पड़ा। रूट ने पहले हार को टाला और फिर जीत की ओर कदम बढ़ाया