मैन ऑफ द मैच जोफ्रा आर्चर का ध्यान कोहली से ज्यादा कोहनी पर है
शनिवार, 13 मार्च 2021 (15:33 IST)
अहमदाबाद:भारत में अगर कोई गेंदबाज लाल या सफेद गेंद से क्रिकेट खेलने आता है तो उसके लिए चिंता का सबब होता है कोहली, यानि की कप्तान विराट कोहली लेकिन जोफ्रा आर्चर कोहली से ज्यादा ध्यान अपनी कोहनी को दे रहे हैं।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने कहा है कि भारत में टी20 विश्व कप और आस्ट्रेलिया में एशेज श्रृंखला खेलने के अपने दोहरे लक्ष्य पर नजरें गड़ाने से पहले उन्हें अपनी कोहनी की समस्या दूर करनी होगी।आर्चर को करीब एक वर्ष पहलेे इसी कोहनी में स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ था।
भारत से हुई टेस्ट सीरीज में जोफ्रा आर्चर को कुल 35 ओवरों में सिर्फ 4 विकेट मिले थे। इन ओवरों में जोफ्रा ने 122 रन दिए थे। लेकिन पहले टी-20 मैच में आर्चर ने 4 ओवरों में 23 रन देकर 3 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार मिला। आर्चर ने मैच के शुरुआती ओवरों में केएल राहुल का और अंत में हार्दिक पांड्या और शार्दूल ठाकुर का विकेट लिया था।
जोफ्रा आर्चर अपनी कोहनी में दर्द के कारण इंजेक्शन लेने के बाद भारत के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में नहीं खेले पाए थे। उन्होंने शुक्रवार को मैच जीतने के बाद कहा , मुझे भविष्य के बारे में सोचने से पहले अपनी कोहनी का ध्यान रखना होगा।
उन्होंने कहा , इस श्रृंखला के बाद मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा कि विश्व कप और एशेज खेल सकूं ।
पहले टी20 में मिली जीत के बारें में उन्होंने कहा , मुझे खुशी है कि इस जीत में योगदान दे सका । मैं एक विकेट लूं या तीन, मेरी शैली में कोई बदलाव नहीं होता। कई बार विकेट मिलना किस्मत पर भी निर्भर करता है।
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने मैच में लेग स्पिनर आदिल राशिद से गेंदबाजी की शुरूआत करके सभी को चौंका दिया। राशिद ने भारतीय कप्तान विराट कोहली को खाता खोलने का मौका दिये बिना पवेलियन भेज दिया।
आर्चर ने कहा , रणनीति कारगर साबित होते देखना कितना अच्छा लगता है। राशिद विश्व स्तरीय गेंदबाज है और कहीं भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है । कोहली जैसे खतरनाक बल्लेबाज को जल्दी आउट करना बोनस की तरह था।
आर्चर के लिए क्यों नहीं है रोटेशन पॉलिसी
यह बात हैरानी करने वाली है कि इंग्लैंड टीम अन्य खिलाड़ियों के लिए तो रोटेशन पॉलिसी फॉलो करती है लेकिन आर्चर के लिए अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है।
रोटेशन पॉलिसी के तहत इंग्लैंड ने मोइन अली और जॉस बटलर जैसे खिलाड़ियों को भारत से हुई सीरीज में पूरे मैचों में नहीं खिलाया। वहीं भारतीय पिच पर साधारण प्रदर्शन करने वाले जोफ्रा आर्चर को 4 में से 3 टेस्ट खिलाए।
अगर जोफ्रा दूसरे टेस्ट में अनफिट ना होते तो उनको दूसरा टेस्ट भी खेलना पड़ता। ही नहीं उनकी जगह दूसरे टेस्ट में खेले गए ओली स्टोन ने नए गेंदबाज के तौर पर बेहतर प्रदर्शन किया फिर भी उन्हें आगे मौका नहीं दिया गया।
ओली स्टोन ने सिर्फ 1 टेस्ट मैच खेला जिसमें उन्होंने 22 ओवर में 68 रन देकर 4 विकेट लिए।फिर भी उनको ड्रॉप करके आर्चर को खिलाया गया।
अपने तीखे बाउंसरो के लिए जाने वाले आर्चर के लिए इंग्लैंड क्रिकेट अन्य क्रिकेटरों की तरह मेहरबान क्यों नहीं है। यह एक बड़ा सवाल है।