सीरीज के पहले वनडे में शानदार शतक जड़ने वाले जाधव ने अंतिम वनडे में 90 रन बनाए तथा 3 मैचों में कुल 232 रनों के साथ उन्हें 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया। जाधव ने मैच के बाद कहा कि मैं इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जीतने से बेहद खुश हूं। यदि हम यहां अंतिम वनडे में भी जीतने में सफल रहते तो यह खुशी और बढ़ जाती।
उन्होंने कहा कि सीरीज से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मैंने पहले वनडे में जहां कप्तान विराट कोहली के साथ खेलते हुए यह सीखा कि मध्यक्रम में कैसे बल्लेबाजी करनी होती है तो वहीं अंतिम मुकाबले में मैच को कैसे समाप्त करना है, इसकी नसीहत मिली।
जाधव ने मैच में मुश्किल स्थिति में अपनी अर्द्धशतकीय पारी को लेकर कहा कि बल्लेबाजी करते समय मेरी सभी 6 गेंदें खेलने की योजना थीं। मैं जानता था कि यदि मैं ऐसा कर सका तो गेंदबाजों पर दबाव बढ़ेगा। मैं जिस गेंद पर आउट हुआ, वह बड़ा शॉट खेलने वाली नहीं थी लेकिन मेरे पास तेज प्रहार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा, मैं जानता था कि मध्यम गति का प्रहार भी गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचा देगा। हम अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ रहे थे और अंत तक मैच में बने हुए थे। हम भले ही मैच मामूली अंतर से गंवा बैठे हों लेकिन हमने अंत तक विपक्षी टीम को टक्कर दी। (वार्ता)