हनुमान भक्त स्पिनर बना था द.अफ्रीका का कप्तान, डेब्यू में ही जीती टी-20 सीरीज, हुआ विश्वकप टीम में शामिल
बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (15:57 IST)
इस साल केशव महाराज पर हनुमान जी की कृपा कुछ ज्यादा ही बरस रही है। साल के शुरुआत में उन्होंने टेस्ट में अपनी पहली टेस्ट हैट्रिक ली थी। इसके बाद उन्हें वनडे की कप्तानी मिली, फिर टी-20 विश्वकप टीम में भी शामिल कर लिया गया और अब उन्होंने टी-20 डेब्यू पर कप्तानी मिलने के बावजूद ही अपनी टीम को श्रीलंका के खिलाफ 3-0 से जीत दिला दी।
गौरतलब है कि श्रीलंका स्पिन की मददगार पिचों के लिए मशहूर है और माना जाता है कि फॉर्मेट कोई भी हो दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज स्पिन के सामने उतना बेहतर नहीं खेलते। इसके बावजूद भी दक्षिण अफ्रीका 3-0 से यह टी-20 सीरीज जीत गई। केशव महाराज बजरंगबली का नाम जपते रहे और द.अफ्रीका एक के बाद एक टी-20 जीतती रही।
कंठस्थ याद है हनुमान चालीसा
ज्यादातर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी अमूमन ईसाई धर्म के अनुयायी रहते हैं। एक दो खिलाड़ी इस्लामिक मूल के भी हैं जैसे इमरान ताहिर , तबरेज शम्सी। लेकिन आप को जानकर हैरानी होगी कि टेम्बा बावुमा के अंगूठे की चोट के कारण कप्तान बनाए गए केशव महाराज एक दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी है जो हुनमान जी की आराधना करते हैं।
भारतीय मूल के केशव महाराज सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हैं । उन्हें हनुमान चालीसा भी कंठस्थ याद है। वह कोशिश करते हैं कि हर मंगलवार या शनिवार हनुमान जी का जाप कर सकें।
टी-20 डेब्यू पर ही मिली कप्तानी और जीत ली सीरीज
टेम्बा बावुमा की गैर मौजूदगी में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में केशव महाराज ने अपना टी-20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। उन्होंने अभी तक 36 टेस्ट और 14 वनडे मैच खेले हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने कप्तान के तौर पर यह सीरीज जीती वह भी श्रीलंका में। यही नहीं उन्होंने इस सीरीज में अपनी पहली ही गेंद पर टी-20 क्रिकेट में विकटों का खाता खोला। दिलचस्प बात यह है कि उनका नाम सुर्खियों में तब आया था जब उन्होंने साल 2018 में श्रीलंका के खिलाफ 124 रन देकर 9 विकेट लिए थे।
दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को 3-0 से किया क्लीन स्वीप
सलामी बल्लेबाजों क्विंटन डी कॉक (59) और रीजा हेंड्रिक्स (56) के शानदार नाबाद अर्धशतकों की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने यहां मंगलवार को श्रीलंका को तीसरे और आखिरी टी-20 मुकाबले में 10 विकेट से हरा कर उसे 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया।
मेजबान श्रीलंका टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में आठ विकेट गंवा कर महज 120 रन ही बना सका। जवाब में मेहमान टीम दक्षिण अफ्रीका ने सलामी बल्लेबाजों डी कॉक और हेंड्रिक्स की पहले विकेट के लिए 121 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की बदौलत 14.4 ओवर में ही बिना कोई विकेट गंवाए मैच जीत लिया। डी कॉक ने जहां सात चौकों की मदद से 46 गेंदों पर नाबाद 59, वहीं हेड्रिक्स ने पांच चौकों और एक छक्के के सहारे 42 गेंदों पर नाबाद 56 रन बनाए। डी कॉक को मैच विजयी पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के साथ पूरी सीरीज में 153 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार मिला।
बल्लेबाजी से पहले दक्षिण अफ्रीका ने प्रभावशाली और किफायती गेंदबाजी की। लेफ्ट आर्म स्पिनर ब्योर्न फॉर्ट्युन और तेज गेंदबाज कैगिसो रबादा ने क्रमश: चार ओवर में 21 रन देकर दो और तीन ओवर में 23 रन देकर दो विकेट लिए। इसके अलावा केशव महाराज, एडन मार्करम और वियान मल्डर ने एक-एक विकेट लिया। ड्वेन प्रेटोरियस और मल्डर को छोड़कर अन्य सभी गेंदबाज किफायती रहे। वहीं बल्लेबाजी में कुछ खास न कर पाने के बाद गेंदबाजी में भी श्रीलंका का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। किसी भी गेंदबाज को सफलता नहीं मिली, जबकि बल्लेबाजों में केवल सलामी बल्लेबाज कुशल परेरा और निचले क्रम के बल्लेबाज चमिका करुणात्ने ही कुछ बेहतर दिखे। दोनों ने क्रमश: 33 गेंदों पर 39 और 19 गेंदों पर 24 रन बनाए।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की ओर से टी-20 विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की गई है, जिसमें चयनकर्ताओं ने केशव महाराज सहित तीन स्पिनरों को चुना है।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के चयनकर्ता संयोजक विक्टर म्पित्सांग ने एक बयान में कहा, “ केशव महाराज एक उत्कृष्ट लीडर हैं। उन्हें टीम और हमारी अाेर से एक पैनल के रूप में समर्थन प्राप्त है। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ मंगलवार को समाप्त हुई एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान न केवल हमारे निर्णय को सही साबित, बल्कि अपने नेतृत्व कौशल को भी साबित किया। हम मानते हैं कि उनकी शानदार कप्तानी इस आखिरी अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान टीम की स्थिरता के सर्वोत्तम हित में है। हमारे लिए ट्रॉफी को घर लाने और इस तरह देश को एक साथ लाने के लिए इससे बेहतर समय नहीं है और केवल खेल ही ऐसा कर सकता है। हमें उम्मीद है कि दक्षिण अफ्रीकाई लोग इस टीम को सपोर्ट करेंगे और फाइनल तक उनका उत्साह बढ़ाएंगे।"