कप्तान का भरोसा मिला तो आधा काम हो गया : कुलदीप

बुधवार, 9 अगस्त 2017 (22:32 IST)
पल्लेकेल। भारत के युवा चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का मानना है कि यदि कप्तान का भरोसा मिल जाए तो समझो आधा काम हो गया। कुलदीप ने कप्तान विराट कोहली से मिल रहे लगातार समर्थन का शुक्रिया अदा किया। 
 
उन्होंने कहा 'किसी भी खिलाड़ी के लिए कप्तान का भरोसा जीतना बड़ी बात है। कप्तान का भरोसा मिल गया तो समझो आधा काम हो गया। मैं कप्तान विराट का शुक्रगुजार हूं कि वह वेस्टइंडीज के दौरे से लगातार मेरा सपोर्ट करते रहे हैं और यहां भी उन्होंने बराबर मेरा उत्साह बढ़ाया है।'
        
भारत को श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के लिए एक स्पिनर चुनना है। कोलंबो टेस्ट में सात विकेट लेने वाले लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा आईसीसी आचार संहिता उल्लंघन के कारण एक मैच के लिए निलंबित हो चुके हैं। उनकी जगह लेने के लिए लेफ्ट स्पिनर अक्षर पटेल को बुलाया गया है। चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप भी जडेजा की जगह लेने के दावेदार हैं।
          
कुलदीप ने टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले अभ्यास मैच में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है लेकिन दुनिया के नंबर एक जडेजा और नंबर तीन रविचंद्रन अश्विन के टीम में होने के बाद कुलदीप को मौका नहीं मिल पाया है। 
 
कुलदीप ने कहा 'जब टीम में दो शीर्ष गेंदबाज हों तो आपको इंतजार करना पड़ता है। मेरे लिए यह अच्छा भी है क्योंकि इन दो चोटी के गेंदबाजों से मुझे सीखने को बहुत कुछ मिला है और मैं उनसे सीखता रहता हूं।'
         
तीसरे टेस्ट में मौका मिलने की संभावना मिलने के बारे में पूछने पर कुलदीप ने कहा 'जब मैंने अपना टेस्ट पदार्पण किया था मैं तब भी रोमांचित था और यदि विदेशी जमीन पर मुझे अपना पहला टेस्ट खेलने को मिलता है तो वह भी मेरे लिए रोमांचक क्षण होगा। देश का प्रतिनिधित्व करना हमेशा गौरव की बात होती है।'         
          
कुलदीप ने कहा 'यदि मुझे मौका मिलता है तो वह मेरे लिए बड़ी खुशी की बात होगी लेकिन साथ ही प्रदर्शन करने का तनाव भी रहेगा। अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। दो दिन की प्रैक्टिस बाकी है उसके बाद ही कुछ तय होगा।' 
         
मुख्य कोच रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरूण की तारीफ करते हुए चाइनामैन गेंदबाज ने कहा 'शास्त्री सर हमेशा मुझे कुछ न कुछ बताते रहते हैं। जब से यहां आया हूं शास्त्री सर ने नेट पर मेरा मनोबल बढ़ाया है। अरूण सर के साथ मैं पिछले 10 साल से हूं। मैं अंडर-16 और अंडर-19 उनके साथ खेला हूं और अपनी बातों को मैंने उनके साथ साझा किया है।'
        
यहां की विकेट पर घास के बारे में पूछने पर कुलदीप ने कहा 'मेरे लिए विकेट मायने नहीं रखता। मैं कभी विकेट देखकर गेंदबाजी करने नहीं उतरता। बचपन में मैं सिमेंटेड विकेट पर गेंदबाजी किया करता था जो इन सब विकेटों से अलग होती है। वैसे भी उपमहाद्वीप की विकेटें लगभग एक जैसी होती हैं। आपको खेलते समय अपनी सोच को सकारात्मक रखना होता है और बल्लेबाज को गलती करने के लिए मजबूर कर विकेट निकालने होते हैं।' (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी