वेस्टइंडीज के खिलाफ इस सीरीज़ में कुलदीप यादव को प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड मिला। कुलदीप ने इंडीज की पहली पारी में 26.5 ओवरों में 82 रन देकर 5 विकेट लिए। वहीं दूसरी पारी में 29 ओवरों में 104 रन देकर 3 विकेट लिए।कुलदीप ने कहा, "उनके (जाडेजा) साथ होना बहुत अच्छा लगता है। वह हमेशा मुश्किल वक़्त में मुझे सलाह देते हैं और वह मेरे लिए बहुत मददग़ार साबित हो रहा है।"
इंग्लैंड दौरे पर पूरे समय बेंच पर रहने के बाद कुलदीप, वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दोनों टेस्ट के एकादश में लौटे और शानदार गेंदबाज़ी की। उन्होंने कुल 12 विकेट लिए, जिसमें दिल्ली टेस्ट के आठ विकेट शामिल हैं।उन्होंने कहा, "अहमदाबाद में जो स्पीड और ड्रिफ़्ट मिली थी, इस टेस्ट में वैसी नहीं मिली क्योंकि पिच काफ़ी सूखी थी। लेकिन लगातार दो टेस्ट खेलकर, लंबे स्पेल डालकर और विकेट लेकर, मुझे बहुत अच्छा लगा।"
इस टेस्ट टीम के अब कुछ खिलाड़ी तुरंत ही ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होंगे। कुलदीप ने कहा, "मैं इसी दौरान कुछ फ़ुटबॉल मैच देख लूंगा। हमारे पास समय बहुत कम है और हम कल उड़ान भर रहे हैं। 19 तारीख़ को पहला मैच है, तो मुझे उसकी तैयारी करनी है।"
इंग्लैंड में दो महीने तक बेंच पर बैठे रहने के दौरान भारत की एकादश में जगह नहीं बना पाने के लिए किसी पर भी दोष मढ़ना आसान होता लेकिन कुलदीप यादव ने मुश्किल रास्ता चुना।इन दिनों बल्लेबाजी करने वाले स्पिनरों का चलन है लेकिन कुलदीप की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं और वह अपने सिद्धांत से विचलित नहीं होंगे।
कुलदीप के ब्रिटेन में बिताए दो महीने नए कौशल सीखने और कुछ नए गुर सीखने में बीते।कुलदीप अपनी गेंदबाजी के भी आलोचक हैं और उन्हें नहीं लगता कि वह अब भी अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन कर पा रहे हैं, भले ही उनका रिकॉर्ड प्रभावशाली है।