श्रीलंकाई बल्लेबाजी की 'रन मशीन' टांगेगी बल्ला

सोमवार, 3 अगस्त 2015 (18:53 IST)
नई दिल्ली। श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज कुमार संगकारा 12 अगस्त से भारत के खिलाफ शुरू होने वाली सीरीज में आखिरी बार क्रिकेट के मैदान पर उतरेंगे और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। संगकारा के संन्यास के साथ ही श्रीलंकाई क्रिकेट के सबसे सुनहरे बल्लेबाजी इतिहास का समापन हो जाएगा।
        
श्रीलंकाई बल्लेबाजी की 'रन मशीन' और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक संगकारा के करिश्मे को पूरी दुनिया सलाम करती है। लेकिन यह अनुभवी बल्लेबाज अपने टीम साथी माहेला जयवर्धने को खुद से बेहतर बल्लेबाज मानता है। संगकारा जब 15 वर्षों के अपने लंबे करियर पर नजर डालते हैं तो वह बेहद संतुष्ट नजर आते हैं। संगकारा ने क्रिकइंफो की डिजीटल पत्रिका ‘क्रिकेट मंथली’ से अपने करियर को लेकर लंबी बातचीत की। 
         
अपने 15 वर्ष लंबे करियर से बेहद संतुष्ट लग रहे बल्लेबाज ने साक्षात्कार में कहा“ मैंने इतने लंबे समय क्रिकेट खेला है और इसके बाद निश्चित ही मेरे जीवन में बदलाव अाएगा। बदलाव अच्छा होता है। लेकिन हमें इससे डरना नहीं चाहिये। ” 
         
संगकारा ने वर्ष 2000 में अपने टेस्ट और वनडे करियर की शुरुआत की थी। करीब तीन सप्ताह के भीतर 21वीं सदी के एक महान बल्लेबाज और श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी संगकारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कह देंगे। संगकारा भारत के खिलाफ तीन टेस्टों की सीरीज के शुरुआती दो मैचों में खेलेंगे और उसके बाद संन्यास लेंगे।
 
संन्यास को लेकर श्रीलंकाई बल्लेबाज ने कह मुझे नहीं पता कि टीम के लिए मेरी क्या अहमियत रहेगी। यदि मैं आगे कुछ महीने या 12 महीने तक खेलता हूं तो उससे क्या होगा। यदि टीम चाहती है कि सीनियर खिलाड़ी उनकी मदद करें तो मैं इसके लिये तैयार हूं लेकिन कुछ महीने और खेलने के लिए कहा जाएगा तो इससे किसी और खिलाड़ी का क्रिकेट करियर कुछ और महीने के लिए टल जाएगा। इससे मैं किसी और खिलाड़ी का कुछ समय के लिए रास्ता रोक दूंगा।
 
संगकारा ने कहा यदि आप मुझे कहे कि एक या दो साल और खेलो और इस दौरान आप और 1000 रन बना सकते हो और शायद दूसरे सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाला खिलाड़ी बन जाऊंगा तो मैं उसे कहूंगा धन्यवाद। इस वजह से अपने करियर को आगे बढ़ाने का कुछ फायदा नहीं है।
               
करियर में हमेशा ही महेला जयवर्धने से अपनी तुलना को लेकर संगकारा ने कहा कि मेरे दिमाग में मुझे कभी भी इस बात का संदेह नहीं रहा कि महेला मुझसे बेहतर बल्लेबाज हैं। मैं हमेशा कहूंगा कि महेला मुझसे बेहतर बल्लेबाज हैं। यदि आप आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो यह बात साफ हो जाएगी। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो सारा दबाव खुद पर ले लेते थे और दूसरे बल्लेबाज के लिए खेल को आसान बना देते थे।
                
संगकारा ने कहा मुझे नहीं लगता कि हम दोनों का रिश्ता ऐसा था जिसने कभी एक दूसरे को नीचे करने का प्रयास किया। हमने हमेशा ही एक दूसरे को मदद की और अपनी जानकारियों को साझा किया। यदि कुछ सही नहीं हो रहा है तो हमने एक दूसरे का मार्गदर्शन भी किया लेकिन हमारे बीच कभी स्पर्धा नहीं रही।
 
दिग्गज बल्लेबाज ने कहा मैंने जब श्रीलंकाई टीम में जगह बनाई थी तो उस समय उसमें विश्वकप विजेता खिलाड़ी थे और उनकी तथा मेरी स्थिति में काफी अंतर था। मैंने अपने करियर में कई खराब पारियां भी खेली। लेकिन मैंने उससे खुद को उबारा और फिर अपनी लय हासिल की।
        
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तीनों प्रारूपों में संगकारा भारत के सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे अधिक रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हैं। सचिन ने जहां 664 मैचों में 34357 रन बनाए हैं, वहीं संगकारा ने 592 मैचों में 27921 रन बनाए हैं। संगकारा ने इस वर्ष विश्वकप में लगातार चार शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। 
 
टेस्ट मैचों में सर्वाधिक दोहरे शतक बनाने के मामले में वह महान डॉन ब्रैडमैन से सिर्फ एक कदम पीछे हैं। ऑस्ट्रेलिया के ब्रैडमैन ने 12 दोहरे शतक बनाए हैं जबकि संगकारा के नाम 11 दोहरे शतक है।
        
सचिन और ब्रायन लारा के साथ टेस्ट में सबसे तेज 10 हजार रन पूरे करने के बारे में संगकारा ने कहा मुझे पता था कि यदि मैं उनसे पहले किसी पारी में उतरता तो मैं अकेला बल्लेबाज होता जिसके नाम सबसे तेज 10 हजार टेस्ट रन दर्ज होते लेकिन जब मैं इस उपलब्धि पर पहुंचा तो मेरा नाम स्क्रीन पर शीर्ष पर था और सचिन तथा लारा का बाद में। यदि मैं कहूं कि उस समय मुझे संतोष नहीं हुआ तो यह झूठ होगा।
        
37 वर्षीय संगकारा ने कहा जब मैंने यह उपलब्धि दर्ज की तो डेविड वार्नर क्षेत्ररक्षण कर रहे थे और मेरे पास मौजूद थे। उन्होंने मेरी प्रतिक्रिया को समझ लिया था। वह कुछ चौंक गए थे और कहा था कि यह काफी निरंतर है। (वार्ता)

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