...और कुमार संगकारा रो पड़े

सोमवार, 24 अगस्त 2015 (19:50 IST)
कोलंबो। भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की समाप्ति के बाद विदाई समारोह में शुभकामनाएं और स्मृति चिन्ह हासिल करने वाले कुमार संगकारा बेहद भावुक हो गए और रो पड़े। उन्होंने कहा कि जब कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेता है तो यह बात अंतिम लम्हों तक उसके जेहन में नहीं आती है। 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले संगकारा ने अपने विदाई समारोह में कहा, अंतिम लम्हों तक विदाई की बात आपके जेहन में नहीं आती है। आप क्रिकेट मैच समाप्त करते हो और फिर अपने बारे में गुजरे हुए समय को लेकर बात करने के लिए उतरते हो। 
 
उन्होंने कहा, तैयारियां वैसी ही रहीं जैसी हमेशा होती थीं। मैंने यह बात जेहन में नहीं आने दी कि यह मेरा आखिरी टेस्ट मैच है। दिन के आखिर में आप पर भावनाएं हावी होती हैं, जब यह अहसास होता है कि अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 
 
श्रीलंका और भारतीय क्रिकेटरों द्वारा दिए गए 'गार्ड ऑफ ऑनर' के बारे में संगकारा ने कहा, यह (गार्ड ऑफ ऑनर) आपको याद दिलाता है कि यह वास्तव में अंत है। कोई विकल्प नहीं है और आपको इसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होता है। मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे इतने वर्षों तक सहयोग मिला। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे पिछले पांच दिनों में लोगों का प्यार मिला।
 
इस 37 वर्षीय वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, दुर्भाग्य से हम वैसा नहीं खेल पाए जैसा खेल सकते थे। भारत ने बेहतरीन क्रिकेट खेली, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैंने हर पल का पूरा लुत्फ उठाया हालांकि टीम का हारना निराशाजनक रहा। 
 
उन्‍होंने कहा, मुझे बहुत खुशी है कि मैं इतना भाग्यशाली रहा कि एक और टेस्ट मैच खेल पाया। संगकारा ने अपने परिजनों, मां, पिताजी, पत्नी, बच्चों तथा करीबी दोस्तों और समर्थकों के सामने अपने करियर का अंत किया और उन्होंने इसे विशेष क्षण बताया। 
 
उन्होंने कहा, कुछ खास क्षण थे। कई कारणों से आज का दिन भी विशेष था। यह पहला अवसर था जबकि मेरे माता, पिता, भाई बहन, पत्नी और बच्चे एक जगह बैठकर मुझे खेलते हुए देख रहे थे। यह हमेशा मेरे लिए यादगार रहेगा। मैंने अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ समय नहीं बिताया। मेरे माता-पिता ने कभी इसकी शिकायत नहीं की। वे कभी-कभार ही मैच देखने आते थे लेकिन वे मेरे खेल का करीब से अनुसरण करते थे। 
 
श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी आज स्टेडियम में मौजूद थे। राष्ट्रपति ने उन्हें ब्रिटेन में श्रीलंका का उच्चायुक्त बनने की पेशकश की। 
 
संगकारा ने कहा, मैं राष्ट्रपति के आग्रह का सम्मान करता हूं। मुझे उनसे इस बारे में अधिक बात करने की जरूरत है। मैं इसके लिए बेहद अनुभवहीन हूं। आपको इसके लिए खास ज्ञान की जरूरत होती है। मैं इस बारे में विचार करूंगा और फिर जवाब दूंगा। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें