भारत के मुख्य कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता रह चुके मदनलाल ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘यह पढ़कर हैरान हूं कि चयनकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन करने के लिए 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्हें खराब नहीं सर्वश्रेष्ठ टीम का ही चयन करना होता है।’ सच्चाई यह है कि दोनों चयन समितियों को अच्छा खासा वेतन भी मिलता है।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी से जब मदनलाल की टिप्पणी के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘इससे पहले भी चयनकर्ताओं को टीम के अच्छे प्रदर्शन पर वित्तीय तौर पर पुरस्कृत किया गया। भारतीय पुरुष टीम ने जब 2011 में विश्व कप जीता तो कृष्णमाचारी श्रीकांत की अगुवाई वाली चयन समिति को मोटी धनराशि दी गई थी।