धोनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस तरह के विकेट पर निचले क्रम पर बल्लेबाजी करना सबसे कठिन काम है। ऐसे में स्ट्राइक रोटेट करने और साझेदारी बनाने का भी दबाव होता है। यह आसान नहीं है। आपको हमेशा ऐसा बल्लेबाज नहीं मिलता, जो 5वें, 6ठे या 7वें नंबर पर अच्छी बल्लेबाजी कर सके।
उन्होंने कहा कि अजिंक्य रहाणे (57) और विराट कोहली (45) ने भारत को अच्छी शुरुआत दी लेकिन वे जीत तक नहीं ले जा सके। निचले क्रम पर अक्षर पटेल (38) और अमित मिश्रा (14) ने भारत की उम्मीदें जगाईं, लेकिन वे मैच जिताने वाली साझेदारी नहीं कर सके।
उन्होंने कहा कि इस तरह के विकेट पर जब स्कोर ज्यादा नहीं हो तो आपको साझेदारियों की जरूरत होती है। शुरुआत में बल्लेबाजी आसान थी लेकिन विकेट धीमा होने के बाद गेंद बल्ले पर नहीं आ रही थी, ऐसे में रोटेट करना मुश्किल हो गया था। (भाषा)